केरल में जून 2018 में 43वर्षीय जालंधर डायोसिस की एक नन ने पूर्व बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर कई बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था। नन के मुताबिक 2014 और 2016 के बीच कई बार फ्रैंको ने उनका रेप किया। नन ने बिशप पर तीन वर्ष तक गैर कानूनी तरीके से बंधक बनाने, कई बार दुष्कर्म करने और अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने के साथ ही जान से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगाया था। बता दें कि पीड़ित पंजाब के ही मिशनरी ऑफ जिसस मंडरी की सदस्य है।
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ये है पूरा मामला
नन की शिकायत के बाद कोट्टायम पुलिस ने पंजाब के जालंधर में रोमन कैथोलिक चर्च के पूर्व प्रमुख बिशप फ्रैंको मुलक्कर पर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद केरल पुलिस की विशेष जांच टीम ने कई दौर की पूछताछ की। इस पूछताछ के बाद वर्ष 2018 के सितंबर महीने में फ्रैंको को कोच्ची से गिरफ्तार किया गया था। हालांकि यहां से 40 दिन बाद फ्रैंको को जमानत मिल गई थी और वो जेल से बाहर आ गए थे।
इसके बाद वर्ष 2020 में फिर से केरल में नन से रेप मामले में कोट्टायम कोर्ट ने पूर्व बिशप फ्रैंको के खिलाफ आरोप तय किए थे। लेकिन सबूतों के अभाव और अन्य दलीलों के बाद कोर्ट ने 14 जनवरी 2022 को बिशप को बरी कर दिया।
100 दिन तक चला मुकदमा
फ्रेंको मुलक्कल भारत के पहले कैथोलिक बिशप थे, जिन्हें नन का यौन शोषण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कोट्टायम (Kottayam) की अदालत ने 100 दिनों से अधिक समय तक चले मुकदमे के बाद उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया है।