scriptपटना में लालू परिवार के पास 486 करोड़ रुपये की जमीन! जदयू नेता बोले- जब्त कर अनाथालय-वृद्धाश्रम बनाएंगे | lalu family has 43 bighas land worth rs 486 crore in patna jdu leader neeraj kumar said we build orphanage old age home | Patrika News
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पटना में लालू परिवार के पास 486 करोड़ रुपये की जमीन! जदयू नेता बोले- जब्त कर अनाथालय-वृद्धाश्रम बनाएंगे

लालू यादव पर हमला बोलते हुए जदयू नेता नीरज कुमार ने कहा कि लालू यादव बार-बार संविधान और आरक्षण पर खतरा बताते हैं, लेकिन वास्तव में उनकी परेशानी यह है कि इसी संविधान के तहत उन्हें जेल भेजा गया।

नई दिल्लीMay 16, 2024 / 03:55 pm

Paritosh Shahi

लोकसभा चुनाव के रण में हर दिन नेताओं के बीच जुबानी जंग देखने को मिल रही है। इसी कड़ी में गुरुवार को जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने तेजस्वी यादव के जॉब शो वाले बयान पर पलटवार करते हुए हमला बोला। उन्होंने कहा कि तेजस्वी यादव को अपना लैंड शो चलाना चाहिए। सिर्फ तेजस्वी ही नहीं बल्कि तरुण यादव के नाम पर भी जमीन है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि तरुण, धन्नू, दुर्गा और गौरी भारती कौन हैं? पटना में 43 बीघा जमीन होना कोई साधारण बात नहीं है, जिसकी कीमत 486 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि 2024 में जदयू की सरकार बनने के बाद इस जमीन को जब्त कर अनाथालय और वृद्धाश्रम बनाया जाएगा। लालू यादव का परिवार मौका मिलने पर कहीं से भी पैसे वसूल करते हैं। उनके पास दस्तावेज हैं और अगर तेजस्वी हिम्मत रखते हैं तो मानहानि का मुकदमा कर सकते हैं।

इसी संविधान के तहत उन्हें जेल भेजा गया

वहीं, नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों को नौकरी देने के एवज में नीतीश कुमार ने किसी से जमीन नहीं ली, न ही पैसा लिया। लालू यादव पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि लालू यादव बार-बार संविधान और आरक्षण पर खतरा बताते हैं, लेकिन वास्तव में उनकी परेशानी यह है कि इसी संविधान के तहत उन्हें जेल भेजा गया। परिवारवाद के नाम पर लालू परिवार को निशाने पर लेते हुए कहा कि जनता ने तय कर लिया है कि अब परिवार की राजनीति नहीं चलेगी। लालू का पूरा परिवार 420 का आरोपी है। इन सभी का जवाब जनता 2024 में देगी। नालंदा को लेकर उन्होंने कहा कि जदयू को यह सीट जीतने की आदत है।

शायद झारखंड में भी लालू परिवार की जमीन है, क्योंकि…

तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार के बिना उनमें कुछ भी नहीं है। नीतीश को संयुक्त राष्ट्र ने क्लाइमेट लीडर कहा, जबकि तेजस्वी 420 के आरोपी हैं। सीएम नीतीश का फोकस बिहार के विकास पर है, जबकि तेजस्वी की पूरी मंशा नौकरी के नाम पर ली गई 77 बीघा जमीन को बचाने की है। तेजस्वी यादव को चुनौती देते हुए कहा कि वह जहां चाहे पंचायत में बहस करने को तैयार हैं कि नीतीश और लालू के शासनकाल में कितनी नौकरियां मिली। झारखंड चुनाव में तेजस्वी के प्रचार करने को लेकर उन्होंने कहा कि वह राष्ट्रीय नेता हैं। शायद झारखंड में भी लालू परिवार की जमीन है, क्योंकि उनके पिता वहां भी रहे हैं।

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