रामेश्वरम कैफे में एक मार्च को आईईडी बम ब्लास्ट हुआ था। इसमें 10 लोग घायल हो गए थे। एक महिला 40 फीसदी तक झुलस गई थी। पहले तो इसे गैस सिलेंडर विस्फोट माना गया लेकिन बाद में यह बम धमाका निकाला। सीसीटीवी फुटेज में यह बात सामने आई कि एक झोले में रखा विस्फोटक फटा था। NIA की जांच में पता चला कि यह टाइमर बम था।
आईईडी (IED) बम बलास्ट करने वाले टोपी पहने हुए था। मॉस्क लगाया हुआ था। बस से आया फिर उसने कैफे में इडली खाई। हाथ धोया और वहीं झोला रखकर चला गया। वह कैफे में करीब 25 मिनट तक रहा। इसके बाद फिर दो बम धमाका हुआ। इमसें 10 घायल हो गए।
एनआईए ने हमलावर संदिग्ध की पहचान के लिए 10 लाख रुपए का ईनाम घोषित किया था। इतना ही नहीं उसकी कई तस्वीरें और वीडियो भी जारी किए। CCTV फुटेज के विश्लेषण से सामने आया कि सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए संदिग्ध आरोपी ने कई बार अपना हुलिया बदला था। पहले वह पूरी बांह की शर्ट, हल्के रंग की पोलो टोपी, चश्मा और फेस मास्क लगाए हुए दिखा, वहीं दूसरी फुटेज में उसने बैंगनी रंग की आधी बांह की टी-शर्ट, एक काली टोपी और मास्क पहने हुआ था, लेकिन चश्मा नहीं था। तीसरी फुटेज में वह टोपी और चश्मे के बिना दिखा।
कैफे में धमाके के बाद आरोपी ने एक घंटे बाद बेंगलुरु के बाहरी इलाके से तुमकुर जाने वाली बस पकड़ी थी। इसके लगभग 6 घंटे बाद रात 8:58 बजे वह बेल्लारी बस स्टैंड पर नजर आया। ये आखिरी बार है, जब उसे देखा गया। NIA को शक है कि आरोपी किसी तरह से बेल्लारी से महाराष्ट्र के पुणे पहुंच गया है। यह ऐसा स्टेशन है जहां अंडरवल्र्ड और आतंकवाद दोनों एक साथ कनेक्ट करते हैं।
कर्नाटक बंगलुरु धमाके में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) के बेल्लारी मॉड्यूल का शक है। यहां से लश्कर ए तैयबा भी अपना मॉडयूल चलाता है। इस मामले को लेकर एनआईए ने 4 आईएस आतंकियों को हिरासत में भी लिया है। इनके नाम मिनाज उर्फ सुलेमान, सैयद समीर, अनस इकबाल शेख और शान रहमान बताए जा रहे हैं। इन्हें पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था। मिनाज को इस मॉड्यूल का प्रमुख बताया जा रहा है।