Operation Sindoor: जब दो देशों के बीच युद्ध, सीमा संघर्ष या किसी बड़े आपातकाल की स्थिति उत्पन्न होती है, तो आम नागरिकों और सुरक्षा बलों को सतर्क करने के लिए विभिन्न प्रकार के सिग्नल दिए जाते हैं।
Operation Sindoor: दो देश के बीच युद्ध या आपातकाल की हालत में आम नागरिकों और सुरक्षा बलों को सतर्क करने के लिए विभिन्न प्रकार के सिग्नल दिए जाते हैं। ये सिग्नल आवाज, रोशनी, साइरन या अन्य माध्यमों से दिए जाते हैं। आइए हम बताते हैं कि कितने तरह के सिग्नल दिए जाते हैं और उनके आपके लिए क्या मायने होते हैं।
कैसा होता है: लगातार बढ़ती और घटती आवाज़ वाला साइरन।
मतलब: दुश्मन का हवाई हमला संभव है, तुरंत सुरक्षित स्थान (बंकर/शरण स्थल) में जाएं।
कैसा होता है: एलान या रेडियो संदेश के माध्यम से।
मतलब: सभी घरों, प्रतिष्ठानों की लाइट बंद कर दें या खिड़कियों को ढक दें ताकि दुश्मन को लक्ष्य न दिखे।
कैसा होता है: एक स्थिर, लगातार बजने वाली समान स्वर वाली साइरन।
मतलब: खतरा टल गया है, लोग अपने सामान्य कार्यों पर लौट सकते हैं।
कैसा होता है: विशेष प्रकार का अलार्म या साइरन (अक्सर अलग टोन में) या रंगीन फ्लेयर।
मतलब: रासायनिक या जैविक हमला हुआ है। मास्क पहनें और निर्देशों का पालन करें।
कैसा होता है: तेजी से बार-बार बजती साइरन या रेडियो/टीवी पर विशेष अनाउंसमेंट।
मतलब: परमाणु हमला संभावित है, तुरंत भूमिगत शरण में जाएं और सरकारी निर्देश सुनें।
कैसा होता है: एलान के माध्यम से या विशेष साइरन के द्वारा सूचना दी जाती है।
मतलब: निर्देशित रास्तों से तत्काल क्षेत्र खाली करें और सुरक्षित स्थान पर जाएं।
—रेडियो-टीवी पर विशेष सरकारी घोषणा।
—मोबाइल अलर्ट (एसएमएस, एप्स के जरिए)।
—लाउडस्पीकर से घोषणाएं।
—झंडे या रंगीन लाइट्स के संकेत (विशेष स्थानों पर)।