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Patrika Explains : बैंक-इंश्योरेंस से लेकर म्यूचुअल फंड्स के लिए एक ही KYC, जानिए इससे क्या होगा फायदा

Patrika Explains : ग्राहकों को हर बार बैंक खाता खोलने, म्यूचुअल फंड या स्टॉक में निवेश करने, इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के लिए बार-बार केवाईसी जमा करना पड़ता है।

नई दिल्लीMar 15, 2024 / 08:31 am

Shaitan Prajapat

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Patrika Explains : नो योर कस्टमर (KYC) हम सभी के जीवन में शामिल हो चुकी है। बैंक अकाउंट खोलना हो, बीमा लेना हो या फिर स्टॉक या म्यूचुअल फंड में निवेश करना हो, इन सभी कार्यों के लिए हमें अलग-अलग केवाईसी प्रक्रिया से गुजरना ही पड़ता है। ऐसा नहीं है कि एक जगह केवाईसी करा लिया तो हर जगह काम चल जाएगा। लेकिन यह व्यवस्था बदलने वाली है। जल्द एक ही केवाईसी से सभी काम हो जाएंगे।

किसने दिया यह प्रस्ताव?

अभी ग्राहकों को हर बार बैंक खाता खोलने, म्यूचुअल फंड या स्टॉक में निवेश करने, इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने के लिए बार-बार केवाईसी जमा करना पड़ता है। इस समस्या से निपटने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) ने एकसमान केवाईसी (यूनिफॉर्म केवाईसी) प्रणाली लागू करने का प्रस्ताव दिया है। इससे विभिन्न वित्तीय क्षेत्रों के लिए बार-बार केवाईसी देने की जरूरत नहीं होगी।

इससे क्या फायदा होगा?

केंद्र सरकार ने यूनिफॉर्म केवाईसी नियमों पर सिफारिशों के लिए वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अगुवाई में विशेषज्ञ समिति बनाई है। इस प्रक्रिया के लागू होने से कागजी कार्रवाई, समय और लागत को कम करने में मदद मिलेगी। यूनिफॉर्म केवाईसी से लोगों को काफी सुविधा होगी। फाइनेंशियल सेक्टर में किसी भी सेवा के लिए लोगों को सिर्फ एक बार ही केवाईसी प्रक्रिया से गुजरना होगा।

यूनिफॉर्म केवाईसी की जरूरत क्यों पड़ी?

वाईसी के साथ सबसे बड़ी समस्या यह है कि विभिन्न वित्तीय संस्थानों में अलग-अलग कार्यों के लिए बार-बार केवाईसी कराना होता है। बैंकिंग, बीमा और अन्य क्षेत्रों में अलग-अलग केवाईसी की जरूरत होती है। कुछ क्षेत्रों में नियम-कायदे ऐसे हैं कि एक संस्थान दूसरे संस्थान की ओर से जारी केवाईसी पर भरोसा ही नहीं करते हैं। इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार यूनिफॉर्म केवाईसी लाने की तैयारी में है।

कैसे काम करेगी यूनिफॉर्म केवाईसी?

यूनिफॉर्म केवाईसी में आपके सारे डॉक्युमेंट सिर्फ एक बार जमा होंगे। इसके बाद आपको 14 अंक का एक सीकेवाईसीआर आइडेंटिफिकेशन नंबर दिया जाएगा। आपकी केवाईसी का रेकॉर्ड सेबी, आरबीआइ, इरडा और पीएफआरडीए जैसे वित्तीय संगठनों को उपलब्ध करा दिया जाएगा। इससे हर जगह केवाईसी नहीं करानी होगी। जब भी बैंक अकाउंट खोलेंगे, बीमा कराएंगे या डीमैट अकाउंट खोलेंगे, आपको सिर्फ सीकेवाईसीआर नंबर देना होगा। इस नंबर का उपयोग करके सेंट्रल केवाईसी रिकॉड्र्स रजिस्ट्री (सीकेवाईसी) से आपका केवाईसी विवरण ले लिया जाएगा।

क्यों जरूरी होता है केवाईसी

केवाईसी को वित्तीय धोखाधड़ी, काले धन को सफेद बनाने और आतंकियों को धन जुटाने से रोकने के लिए तैयार किया गया है। नियमित केवाईसी पहचान चोरी. अनधिकृत व्यक्ति की ओर से आपके खाते का इस्तेमाल करने से भी महफूज रखती है। केवाईसी अपडेट करने से संदिग्ध लेनदेन की पहचान में भी मदद मिलती है। कब और कितनी बार केवाईसी अपडेट होगा, यह ग्राहक के जोखिम के आधार पर तय होता है। जिन ग्राहकों को अधिक जोखिम वाला माना जाता है उन्हें अपना केवाईसी बार-बार अपडेट करना पड़ता है।

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