PM मोदी ने गिनाई 2 साल की उपल्बधियां – प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने विदेशी निवेश के लिए और रास्ते खोले हैं। भ्रष्टाचार को काबू करने के उपाय किए हैं। – ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढ़ाचे की कमी को पाटने की कोशिश की है और इन सबके साथ कारोबार के लिए देश में अनुकूल माहौल बनाया है।
– उम्मीद जताई कि वस्तु एवं सेवा कर विधेयक भी संसद में जल्दी ही पारित हो जाएगा। – उनकी सरकार की कोशिश होगी कि राज्य देश के सख्त और जटिल श्रम कानूनों को उदार बनाने में मदद करें। लेकिन श्रम कानूनों में यह सुधार सिर्फ उद्योगों के हित में नहीं होने चाहिए बल्कि इसका लाभ श्रमिकों तक भी पहुंचना चाहिए।
– सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की भूमिका के सवाल पर उन्होंने कहा कि दुनिया के किसी भी विकासशील देश के लिए इन दोनों क्षेत्रों की अहमियत बराबर है किसी एक को नजर अंदाज कर दूसरे को प्रश्रय नहीं दिया जा सकता।
– उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद के मुद्दे पर किसी तरह का समझौता नहीं कर सकता और हमें करना भी नहीं चाहिए। यह एक विकराल समस्या है और इससे निपटना है। दो साल में सबसे तेज रफ्तार वाली अर्थव्यवस्था बना भारत: जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि नरेन्द्र मोदी सरकार के दो साल के कार्यकाल में कई ढांचागत और आर्थिक बदलाव किए गए हैं जिससे देश नीति निर्णय शिथिलता के दौर से निकलकर विश्व की सबसे तेज रफ्तार वाली अर्थव्यवस्था बनने में सफल हुआ है। मोदी की सरकार के दो साल पूरा करने के मौके पर एक टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में जेटली ने कहा कि 2014 से 2016 का समय बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है। इस दौरान कई ढांचागत और आर्थिक बदलाव किये गये। वर्ष 2014 में जब मोदी ने सत्ता संभाली थी, उस समय विश्व के नक्शे में भारत कहीं नजर नहीं आ रहा था। निवेशक हमसे दूर जा रहे थे। देश के बारे में कहा जा रहा था कि यहां कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा। दो वर्ष के कार्यकाल के दौरान किये गये बदलावों का नतीजा है कि हम विश्व में सबसे तेजी से विकास करने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में उभरे हैं।
मोदी सरकार के 2 साल निराशानजक: कांग्रेस कांग्रेस ने गुरुवार को नरेंद्र मोदी सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल को निराशाजनक बताया। पार्टी ने आरोप लगाया कि सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार सहित सभी मोर्चे पर विफल रही। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर संवाददाताओं से कहा, ‘यह सरकार विज्ञापनों पर जीवित है। सरकार अर्थव्यवस्था में जान-फूंकने में पूरी तरह से विफल रही। रुपया का मूल्य गिर रहा है, महंगाई बढ़ रही है और रोजगार सृजन निम्नतम स्तर पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री ने प्रतिवर्ष 10 करोड़ लोगों के लिए रोजगार का वादा किया था, लेकिन रोजगार सृजन की दर सालाना केवल 1.32 लाख है।’ राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, ‘दो साल निराशानजक रहे। सरकार की बड़ी उपलब्धियों में सामाजिक तनाव, भाजपा नेताओं को उकसाना, अनावश्यक विवाद और सामूहिक हिंसा शामिल हैं।’
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