यह भी पढ़ेँः PM Security Breach: सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले पंजाब पुलिस ने दर्ज की FIR, केंद्र को भेजा अपना जवाब NIA से जांच की मांग ये सुनवाई प्रधान न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है, जिसमें न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली शामिल हैं। सुनवाई के दौरान मेहता ने कहा कि पुलिसकर्मी तो प्रदर्शनकारियों के साथ चाय पी रहे थे। उन्होंने कहा कि इस जांच में NIA का होना भी जरूरी है। केंद्र की ओर से मेहता ने ये भी कहा कि पंजाब के गृह सचिव खुद जांच और शक के दायरे में हैं तो वो कैसे जांच टीम का हिस्सा हो सकते हैं?
मनिंदर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए साफ किया की पुलिस इस मामले में किसी भी तरह से जांच नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि बठिंडा से फिरोजपुर तक जो साक्ष्य हैं, उन्हें बठिंडा की स्थानीय कोर्ट अपने कब्जे में ले और एनआईए से इस मामले में जांच कराई जाए।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मंदिर सिंह ने पीठ से कहा कि पीएम की सुरक्षा में चूक के मामले में केंद्र और राज्य से ऊपर उठकर जांच की जानी चाहिए और भटिंडा के स्थानीय जज के पास जो भी साक्ष्य मुहैया कराए जाएं। उनको एनआईए स्तर का अधिकारी सहयोग करें।
जांच में एसपीजी शामिल नहीं हो सकती
पंजाब के वकील ने केंद्र की जांच कमेटी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जांच कमेटी में एसपीजी के अधिकारी शामिल नहीं हो सकते है। पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि एसपीजी के आईजी इस चूक के जिम्मेदार हैं। मनिंदर ने एसपीजी एक्ट का हवाला दिया।
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पंजाब सरकार की दलीलें– शीर्ष अदालत में पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि उसी दिन घटना के कुछ घंटों के अंदर ही जांच कमेटी का गठन कर दिया गया था।
– पंजाब सरकार की ओर से कहा गया कि जब केंद्र हमारी बनाई जांच समिति पर सवाल उठा रही है तो हमें भी केंद्र की समिति पर आपत्ति है।
– पंजाब के एडवोकेट जनरल डीएस पटवालिया ने कहा कि हमने घटना के फौरन बाद FIR भी दर्ज की, जांच कमेटी भी बना दी, फिर भी हमारी नीयत पर केंद्र सवाल उठा रहा है।