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आत्मनिर्भर भारत : अब प्राइवेट कंपनी भी बना सकेंगी सेना के लिए हेलीकॉप्टर, 25 फीसदी निर्यात की भी इजाज़त

रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के साथ प्राइवेट सेक्टर की इस भागीदारी का पहला परीक्षण इंडियन मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (IMRH) के विकास और निर्माण में किया जाएगा। इससे मिलिट्री हार्डवेयर सेक्टर में ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा मिलेगा।

नई दिल्लीJul 17, 2022 / 11:19 am

Shaitan Prajapat

Ministry of Defence

Ministry of Defence

‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान को बढ़ावा देने के लिए सैन्य हार्डवेयर क्षेत्र में रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला किया है। इस दिशा में कदम उठाते हुए रक्षा मंत्रालय ने रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया मैनुअल में संशोधन करने का निर्णय लिया है। जल्द ही प्राइवेट सेक्टर को सार्वजनिक रक्षा उपक्रमों में बहुसंख्यक हिस्सेदारी के साथ आवश्यक हथियार प्रणाली का निर्माण करने की अनुमति दी जाएगी। साथ ही आवश्यक हथियार प्रणाली का निर्माण करने की भी इजाजत मिलेगी। रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के साथ प्राइवेट सेक्टर की इस भागीदारी का पहला परीक्षण इंडियन मल्टी-रोल हेलीकॉप्टर (IMRH) के विकास और निर्माण में किया जाएगा।

प्राइवेट कंपनियों में उत्सुकता
एक रिपोर्ट के अनुसार, प्राइवेट सेक्टर के सहयोग से बनाए जाने वाले इस IMRH का वज़न 13 टन का होगा। भारतीय सशस्त्र बलों में इसका हवाई हमले, एंटी-सबमरीन, एंटी-शिप, मिलिट्री ट्रांसपोर्ट और वीवीआईपी की भूमिका में होगा। बताया जा रहा है कि भारतीय प्राइवेट कंपनियों ने पहले ही इस परियोजना में हिस्सा लेने के लिए अपनी उत्सुकता जताई थी और रक्षा मंत्रालय ने उन्हें अगले सात सालों में इनके निर्माण करने के लिए कहा है।

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फ्रांसीसी कंपनी का एएचएल से समझौता
आपको बता दें कि हाल ही में 8 जुलाई को फ्रांसीसी कंपनी सफ्रान (Safran) ने हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ एक समझौता किया है। इसका मकसद एक नया जॉइंट वेंचर बनाना है। IMRH के लिए इंजन विकसित करेगा और उसका उत्पादन करेगा। माना जा रहा है कि इसमें IMRH के नौसेना संस्करण के इंजन का डेवलपमेंट एंड प्रोडक्शन शामिल होगा।

 

25 प्रतिशत प्रोडक्टर निर्यात करने की भी होगी इजाजत
बताया जा रहा है कि निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी अपने उत्पादन का 25 प्रतिशत तीसरे देशों को निर्यात करने और देश के लिए विदेशी मुद्रा जुटाने की इजाजत होगी। भारतीय सशस्त्र बलों को विकसित आईएमआरएच खरीदने के लिए कहा गया है जिसे अगले सात वर्षों में लागू करने की योजना है।

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प्राइवेट सेक्टर को मिलेगी 51 फीसदी की हिस्सेदारी
एक रिपोर्ट के अनुसार, प्राइवेट सेक्टर को 51 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने और भारतीय सार्वजनिक यूनिट के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाने की अनुमति दी गई है। इसकी लागत को कम किया जा सके। निजी क्षेत्र की कंपनियों ने रक्षा मंत्रालय से कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा तब भी IMRH हेलीकॉप्टरों की खरीद की जाएगी, यदि उनका उत्पादन अगले 5 वर्षों में ही शुरू हो जाता है।

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