2019 के लोकसभा चुनावों की तुलना में मौजूदा बरामदगी सभी श्रेणियों में उल्लेखनीय वृद्धि दर्शाती है। नकद जब्ती में 114 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि शराब और कीमती धातु की जब्ती में क्रमशः 61 प्रतिशत और 43 फीसदी की वृद्धि हुई। नशीली दवाओं की जब्ती में 62 फीसदी की भारी वृद्धि देखी गई, जो 2,068 करोड़ रुपए थी।
चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा कि प्रवर्तन एजेंसियों ने 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को पहले चरण का मतदान शुरू होने से पहले ही धनबल के खिलाफ ईसीआई की दृढ़ लड़ाई में 4,650 करोड़ रुपए से अधिक की रिकॉर्ड जब्ती की है। आयोग ने प्रवर्तन में वृद्धि का श्रेय चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली (ईएसएमएस) जैसी उन्नत प्रौद्योगिकियों की तैनाती और केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर कई प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग को दिया।
चुनाव आयोग ने 123 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों को व्यय-संवेदनशील के रूप में पहचाना है और उनकी निगरानी के लिए 781 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात करके सतर्कता प्रयासों को तेज कर दिया है। इसके अतिरिक्त, इसने 106 सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की, जो आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) का उल्लंघन करते हुए राजनेताओं को चुनाव प्रचार में सहायता कर रहे थे।
चुनाव आयोग ने कहा कि साल की शुरुआत से ही सतर्कता के प्रयास जारी थे। जनवरी और फरवरी में देश भर में कुल 7,502 करोड़ रुपए नकद, शराब, ड्रग्स, कीमती धातुएं और मुफ्त सामान जब्त किए गए। इससे अब तक कुल जब्ती 12,000 करोड़ रुपए से अधिक हो गई है। जबकि चुनाव अवधि में अभी भी छह सप्ताह बाकी हैं।