रिचर्ड राहुल वर्मा ने इंटरव्यू के दौरान कहा कि अमरीका आैर भारत के बीच उरी हमले के बाद लगातार संवाद हो रहा था। दोनों देशों के एनएसए लगातार एक दूसरे के संपर्क में थे। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को रोकने के लिए भारत आैर अमरीका को संपर्क में रहना होगा। सीमा पार से आतंकवाद को रोकने के लिए अमरीका की खुफिया एजेंसियों ने भारत को मदद का आॅफर दिया है।
इंटरव्यू के दौरान जब उनसे पूछा गया कि क्या सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में अमरीका को जानकारी थी? जवाब में उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक से एक दिन पहले भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने अमरीकी एनएसए से बात की थी। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत ने वो एक्शन लिया जो उसे अपनी सुरक्षा के लिए सही लगा।
जब वर्मा से लश्कर ए तैयबा आैर जैश ए मोहम्म्द के ठिकानों को निशाना नहीं बनाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि साल 2011 से अब तक अमरीका ने पाकिस्तान को मिलने वाली सैन्य सहायता में 73 फीसदी की कटौती की है, वहीं आर्थिक सहायता में 54 फीसदी कम की गर्इ है। ये इसलिए क्योंकि पाकिस्तान आतंकवाद पर सख्त कार्रवार्इ नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद भारत के लिए ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के लिए भी खतरनाक है।