लालू यादव ने सीबीआई की उनके आवास 10 सर्कुलर रोड पर छापेमारी के बाद पहली बार यहां संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि छापेमारी में सीबीआई अधिकारियों का कोई दोष नहीं है। कार्यवाई पीएम और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के इशारे पर हुई है।
राजद अध्यक्ष ने कहा कि उनकी गैर मौजूदगी में यह कार्रवाई की गई है। वह पशुपालन घोटाले के एक मामले में पेशी के लिए रांची गए थे, जो उनका पूर्वनिर्धारित कार्यक्रम था। पटना आवास से उन्हें सीबीआई के सर्च करने की जानकारी दी गई, जिस पर उन्होंने अपने परिजनों से सर्च में सहयोग करने को कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय रेलवे खानपान निगम (आईआरसीटीसी) के दो होटलों के वर्ष 2006 में हुई खुली निविदा मामले में इतने वर्षों के बाद सीबीआई ने कार्रवाई की है।
लालू यादव ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सीबीआई ने उनके बेटे और उप मख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव और उनकी पत्नी (पूर्व मुख्यमंत्री) राबड़ी देवी पर इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। उन्होंने कहा कि जिस वर्ष का यह मामला है उस समय तेजस्वी नाबालिग था जबकि श्रीमती राबड़ी देवी भी किसी पद पर नहीं थीं, जो घोर आपत्तिजनक है।
उन्होंने कहा कि उनके परिवार के सदस्यों को फंसाने के लिए यह कार्रवाई की गई है। राजद अध्यक्ष ने कहा कि आईआरसीटीसी ने रेलवे के रांची और पुरी स्थित होटलों के लीज का आवंटन केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद किया था। उन्होंने कहा कि वर्ष 2004 में उनके रेलमंत्री बनने से पूर्व ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने दिल्ली, हावड़ा, रांची और पुरी के रेल यात्री निवास और होटलों को लीज पर देने का निर्णय लिया था।
इसी निर्णय के तहत वर्ष 2006 में इन होटलों के लिए बोली के आधार पर निविदा आमंत्रित की गई थी और इसमें जिसने सबसे अधिक बोली लगाई उसे ये होटल लीज पर दिए गए।
लालू यादव ने कहा कि राजद की 27 अगस्त को होने वाली ‘भाजपा हटाओ, देश बचाओ’ रैली से बीजेपी घबरा गई है। भाजपा राजनीतिक विद्वेष के कारण ही उनके खिलाफ कार्रवाई करवा रही है। उन्होंने कहा कि इन सबके बावजूद वह डरने वाले नहीं हैं और बीजेपी को जनता की दवाई देकर ठीक कर देंगे।