सुपरटेक ट्विन टॉवर को गिराने के खिलाफ याचिका लगाने वाले संगठन को लेकर भी सर्वोच्च अदालत नाराज नजर आई। जजों की बैंच ने ना सिर्फ इस याचिका को खारिज किया बल्कि इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता संगठन पर 5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
जुर्माने की राशि का ये होगा इस्तेमाल
सर्वोच्च अदालत ने सुपरटेक ट्विन टावर को गिराए जाने के खिलाफ याचिका लगाने वाले संगठन में 5 लाख का जुर्माना लगाते हुए कहा कि, इस जुर्माने का इस्तेमाल उन वकीलों के परिवार के लाभ के लिए किया जाना चाहिए जो COVID-19 से प्रभावित हुए हैं।
सुपरटेक ट्विन टावर को ढहाए जाने के लिए विस्फोटक 2 अगस्त को लगाया जा सकता है। ये विस्फटोक महाराष्ट्र के नागपुर से मंगाया जा चुका है। फिलहाल ये विस्फोटक नोएडा से 70-80 किलोमीटर दूर हरियाणा के पलवल में रखा गया है।
विस्फोटक लगाने के दौरान टावर की सुरक्षा बढ़ा दी जाएगी. तकनीशियनों के अलावा किसी और को टावर के अंदर जाने की अनुमति नहीं होगी।
ट्विन टॉवर में होने वाले धमाकों से पहले करीब 7 हजार लोगों को फ्लैट खाली करना पड़ेगा। इस पूरी प्रक्रिया को इवेक्यूवेशन प्लान में शामिल किया गया है। सुपरटेक एमरल्ड के 14 टावरों में 660 फ्लैट और एटीएस में 736 फ्लैट बने हैं। इन फ्लैटों में सामान को छोड़कर सभी लोग और पालतू जानवरों को भी यहां से जाना होगा।
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