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Supreme Court : मतदाताओं के बूथवार आंकड़े देना कोई कानूनी बाध्यता नहीं, आयोग का हलफनामा

Supreme Court : आम चुनाव में मतदान के अंतिम आंकड़ों को लेकर उठाए जा रहे सवालों के बीच चुनाव आयोग ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि प्रत्येक बूथ पर मतदान का प्रमाणित आंकड़ा जारी करने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं है।

नई दिल्लीMay 23, 2024 / 07:43 am

Shaitan Prajapat

Supreme Court : आम चुनाव में मतदान के अंतिम आंकड़ों को लेकर उठाए जा रहे सवालों के बीच चुनाव आयोग ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि प्रत्येक बूथ पर मतदान का प्रमाणित आंकड़ा जारी करने की कोई कानूनी बाध्यता नहीं है। आयोग के हलफनामे में कहा गया कि फॉर्म 17सी के आधार पर मतदाताओं के बूथवार आंकड़े सार्वजनिक करने से संशय के हालत पैदा होंगे क्योंकि, बाद में इसमें पोस्टल बैलेट के वोट शामिल किए जाएंगे। यह कन्फ्यूजन तब और बढ़ जाएगा जब मुकाबला नजदीकी हो।

आयोग एडीआर की याचिका का विरोध

आयोग ने बताया कि बूथवार आंकड़े जारी करने के बाद लोगों को यह समझाना मुश्किल हो जाएगा कि मतदाताओं की अंतिम संख्या में बदलाव क्यों हो गया। इस स्थिति का फायदा निहित स्वार्थी लोग उठा सकते हैं जो पूरी चुनाव प्रक्रिया पर असर डालने वाले होंगे। आयोग एडीआर की याचिका का विरोध कर रहा है जिसमें उसने 48 घंटे के भीतर मतदान के बूथवार आंकड़े जारी करने की मांग की है। आयोग ने एडीआर पर भी निहित हितों के कारण आयोग के कामकाज पर शक पैदा करने का आरोप लगाया।

दलों को नसीहत, तानाबाना न बिगाड़ें स्टार प्रचारक

नई दिल्ली। आम चुनाव में पांचवें चरण का मतदान समाप्त होने के बाद चुनाव आयोग ने देश के दो प्रमुख दलों भाजपा और कांग्रेस को जाति, समुदाय, भाषा और धार्मिक आधार पर प्रचार करने से बचने की सलाह दी है। आयोग ने दोनों दलों से कहा कि वे अपने स्टार प्रचारकों को अपने भाषण सुधारने, सावधानी बरतने और मर्यादा बनाए रखने के लिए औपचारिक नोट जारी करे। आयोग ने कहा कि ‘चुनाव आते जाते रहते हैं पर राजनीतिक दल बने रहेंगे। भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक तानेबाने की रक्षा करना सबसे बढ़ कर है।

आदर्श आचार संहिता का सख्ती से करें पालन

दोनों दलों की ओर से एक-दूसरे के खिलाफ की गई शिकायतों की समीक्षा के बाद चुनाव आयोग ने बुधवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को अलग-अलग पत्र लिखकर यह सुनिश्चित करने को कहा कि उनके स्टार प्रचारक आदर्श आचार संहिता का सख्ती से पालन करें। आयोग ने कहा कि इसके लिए उन्हें निर्देश जारी किया जाए। क्योंकि, स्टार प्रचारकों के कथित बयानों पर दोनों पार्टियों द्वारा पेश किया गया बचाव टिकने वाला नहीं है।

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