राजस्थान की धरती शक्ति और भक्ति की धरा
शर्मा में कहा कि 2014 के बाद पूरी दुनिया भारत का बढ़ता गौरव और सम्मान देख रही है। इससे पहले हम कोयला घोटाला, चारा घोटाला की बातें सुनते थे। इस दौरान उन्होंने धारा 370, राम मंदिर, यूक्रेन रूस युद्ध का संदर्भ भी रखा। शर्मा ने कहा कि राजस्थान भाषा, मेहमान नवाजी आदि कई चीजों के लिए विशेष तौर पर जाना जाता है। मुझे खुशी है कि आप सभी दो हजार किलोमीटर दूर रहकर भी अपने गांव की जमीन से जुड़े हैं। आपने अपनी मेहनत और लगन से जो यहां पहचान बनाई है उसे देखकर मैं गौरवान्वित हो रहा हुँ। आप सभी ने राजस्थान की मिट्टी की खुशबू फैलाने का काम किया है यह देखकर धन्य हो गया। राजस्थान की धरती शक्ति और भक्ति की धरा है यह स्वाभिमान की धरती है। इस दौरान उन्होंने ब?ाबाजार की चर्चा भी की।
बंगाल की माटी ने दिए कई साहित्यकार
बंगाल की माटी ने रवीन्द्र नाथ टैगोर, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, विवेकानंद जैसे साहित्यकार दिए है। हमारा विचार राष्ट्रवाद का है और हम राष्ट्र को मानने वाले हैं। इस दौरान उन्होंने पण्डित दीनदयाल उपाध्याय का संदर्भ दिया। इस अवसर पर कार्यक्रम अध्यक्ष किशनलाल गोस्वामी, संयोजक पूर्व विधायक शंकर सिंह राजपुरोहित, पार्षद मीनादेवी पुरोहित, उत्तर कोलकाता जिलाध्यक्ष तमोघ्न घोष आदि मंच पर मौजूद थे। मीनादेवी ने स्वागत भाषण दिया। सम्मेलन में पार्षद विजय ओझा ने मंच संचालन किया। दुर्गा व्यास, महावीर बजाज आदि ने भी अपना वक्तव्य रखा।