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BJP उम्मीदवार की बढ़ीं मुश्किलें, मान सरकार ने नहीं दी राहत, चुनाव लड़ने पर संशय

बीजेपी में शामिल होने से पहले परमपाल कौर ने अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था, जिसे केंद्र ने मंजूर भी कर लिया गया था। लेकिन अब पंजाब सरकार ने उनके वीआरएस की मांग को खारिज कर वापस नौकरी पर लौटने को कहा है।

नई दिल्लीMay 08, 2024 / 03:24 pm

Paritosh Shahi

केंद्र द्वारा त्यागपत्र मंजूर किए जाने के बावजूद भी पंजाब सरकार ने आईएएस अधिकारी और बठिंडा से बीजेपी प्रत्याशी परमपाल कौर का वीआरएस (समयपूर्व सेवानिवृत्ति) खारिज कर ड्यूटी ज्वाइन करने के लिए कहा है। परमपाल कौर ने आईएएस की नौकरी से वीआरएस लेकर बीजेपी का दामन थाम लिया था, जिसके बाद उन्हें पार्टी ने बठिंडा से चुनावी मैदान में उतारा। बीजेपी में शामिल होने से पहले उन्होंने अपनी नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था, जिसे केंद्र ने मंजूर भी कर लिया। लेकिन अब जिस तरह से पंजाब सरकार ने उनके वीआरएस की मांग को खारिज कर वापस नौकरी पर लौटने को कहा है, उसे देखते हुए माना जा रहा है कि आगामी दिनों में उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि आज ही उन्हें अपना नामांकन भी दाखिल करना है।

वीआरएस की मांग खारिज

परमपाल कौर के वीआरएस की मांग को इसलिए खारिज कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने इस्तीफा देने के साथ ही तीन महिने के नोटिस पीरियड को भी माफ करने की मांग की थी। पंजाब सरकार ने अपने नोटिस में स्पष्ट कर दिया है कि नोटिस पीरियड माफ करना केंद्र सरकार का नहीं, बल्कि राज्य सरकार के क्षेत्राधिकार में आता है, जिसे ध्यान में रखते हुए उनका वीआरएस खारिज कर दिया गया।
पंजाब सरकार की ओर से परमपाल कौर को भेजे गए पत्र में कहा गया है, ”अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम, 1958 के नियम 16 ​​(2) में लिखा है कि नोटिस अवधि में छूट केवल राज्य सरकार द्वारा दी जा सकती है, यदि वह वीआरएस आवेदनकर्ता द्वारा बताए गए कारणों से संतुष्ट है। आपका आवेदन राज्य सरकार के विचाराधीन था, लेकिन आपने सीधे भारत सरकार के कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के सचिव को दिनांक 07.04.2024 को पत्र लिखा, भले ही आप राज्य सरकार के अधीन कार्यरत थीं।”
परमपाल कौर को लिखे पत्र में आगे लिखा गया है, ”आपने कहा था कि आपकी मां 81 वर्ष की हैं और उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं रहता है। आपके पिता और आपके छोटे भाई दोनों का कुछ वर्ष पहले निधन हो गया था। आपकी वृद्ध मां की देखभाल करने के लिए कोई उपलब्ध नहीं है, इसलिए आप स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति चाहती हैं। लेकिन आप पिछले एक महीने से राजनीतिक गतिविधियों में व्यस्त थीं और अब भी चुनाव प्रचार कर रही हैं।”

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