वर्ष 2009 के लोकसभा चुनावों से पहले वाम मोर्चा अपने दम पर चुनाव लड़ता था, तब राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 32 सीटों पर मोर्चे की सबसे बड़ी पार्टी माकपा चुनाव लड़ती थी। उसके बाद रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) चार सीटों पर, फॉरवर्ड ब्लॉक और भाकपा तीन-तीन तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारती थीं। इस बार माकपा ने 23 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जो पहले से नौ सीट कम हैं।
माकपा के लिए त्याग
भाकपा ने अपने कोटे की तीन लोकसभा सीटों में से एक छोड़ दी है लेकिन यह त्याग कांग्रेस के लिए नहीं, बल्कि माकपा के लिए है। भाकपा ने बशीरहाट लोकसभा क्षेत्र से किसी भी उम्मीदवार को मैदान में नहीं उतारा है, जहां माकपा के निरापद सरदार चुनाव लड़ रहे हैंं। दरअसल, भाकपा और कांग्रेस, दोनों ने घाटाल लोकसभा सीट पर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की घोषणा की। भाकपा मेदिनीपुर लोकसभा सीट पर भी चुनाव लड़ रही है, हालांकि कांग्रेस ने वहां से अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है। आरएसपी नेतृत्व मौजूदा कांग्रेस लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी के समर्थन में बहरमपुर निर्वाचन क्षेत्र में अपनी हिस्सेदारी छोडऩे पर तुरंत सहमत हो गया। पार्टी ने अब तक दो निर्वाचन क्षेत्रों अलीपुरद्वार और बालुरघाट से उम्मीदवार उतारे हैं।अभी तक दक्षिण 24 परगना जिले के जयनगर लोकसभा क्षेत्र से किसी उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
नहीं छोड़ी पुरुलिया सीट
माकपा नेतृत्व के अनुरोध के बावजूद, फॉरवर्ड ब्लॉक ने कांग्रेस के लिए पुरुलिया लोकसभा सीट छोडऩे से इनकार कर दिया। इसने तीन निर्वाचन क्षेत्रों, पुरुलिया, कूचबिहार और बारासात से अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।