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West Bengal: हाईकोर्ट का विधानसभा स्पीकर को निर्देश, मुकुल रॉय पर अपने फैसले के बारे में 7 अक्टूबर तक करें सूचित

West Bengal बीजेपी से टीएमसी में आए मुकुल रॉय की सदस्यता पर मंडराया खतरा, कलकत्ता हाईकोर्ट ने विधानसभा स्पीकर बिमान बनर्जी को दिया अहम निर्देश

Sep 29, 2021 / 11:33 am

धीरज शर्मा

Mukul Roy

Mukul Roy

नई दिल्ली। कलकत्ता उच्च न्यायालय ( Calcutta High Court ) ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी को निर्देश दिया है कि वह भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के टिकट पर चुने जाने के बाद तृणमूल कांग्रेस ( TMC ) में शामिल होने के बाद से विधायक के रूप में मुकुल रॉय की अयोग्यता की मांग करने वाली याचिका पर अपने फैसले को 7 अक्टूबर तक सूचित करें।
दरअसल विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने 17 जुलाई को विधानसभा से रॉय को अयोग्य घोषित करने के लिए याचिका दायर की थी। इसमें दावा किया गया था कि वह टीएमसी में शामिल हो गए हैं।
इसके बाद, बीेजेपी विधायक अंबिका रॉय ने लोक लेखा समिति ( PAC ) के अध्यक्ष के रूप में रॉय के चुनाव को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का रुख किया और परंपरा के मुताबिक एक विपक्षी सदस्य के पद पर नामांकन के लिए प्रार्थना की।
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कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की पीठ ने कहा, ‘जो तथ्य रिकॉर्ड में आए हैं, उनसे हम पाते हैं कि प्रतिवादी संख्या 2 (मुकुल रॉय) को विधान सभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित करने से संबंधित मुद्दा उनके साथ लोक लेखा समिति के अध्यक्ष होने से संबंधित है।’
न्यायाधीशों ने देखा कि सुप्रीम कोर्ट ने दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्यता के लिए याचिकाओं में निर्णय के लिए अधिकतम तीन महीने निर्धारित किए थे, जो समय मुकुल रॉय के मामले में पहले ही खत्म हो चुका है।
कोर्ट ने कहा, ‘दसवीं अनुसूची का उद्देश्य कार्यालय के लालच से प्रेरित राजनीतिक दलबदल की बुराई पर अंकुश लगाना है, जो हमारे लोकतंत्र की नींव को खतरे में डालता है।

अयोग्यता उस तारीख से होती है जब दलबदल का कार्य हुआ था। संवैधानिक प्राधिकरण जिन्हें विभिन्न शक्तियां प्रदान की गई हैं, वास्तव में संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने के लिए कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के साथ मिलकर हैं।
यदि वे समय के भीतर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहते हैं, तो यह लोकतांत्रिक व्यवस्था को खतरे में डालेगा।’

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कोर्ट ने कहा, मुकुल रॉय की अयोग्यता के लिए दायर एक याचिका पिछले तीन महीने से अधिक समय से अध्यक्ष के समक्ष लंबित है, केशम मेघचंद्र सिंह के मामले (सुप्रा) में निर्णय के लिए निर्धारित अधिकतम अवधि खत्म हो चुकी है। इससे पहले कि हम मामले में आगे बढ़ें, प्रतिवादी संख्या 2 को विधान सभा के सदस्य के रूप में अयोग्य ठहराने के लिए दायर याचिका में पारित आदेश को हमारे सामने रखें।’
बता दें कि मुकुल रॉय कुछ महीने पहले ही बीजेपी से टीएमसी में शामिल हुए थे। मार्च-अप्रैल में पश्चिम बंगाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में मुकुल रॉय ने कृष्णानगर सीट से जीत हासिल की थी, लेकिन 11 जून को वापस टीएमसी में लौट आए थे।

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