इमरजेंसी यूज के लिए की जा रही समीक्षा
डब्ल्यूएचओ आमतौर पर दस्तावेज जमा करने के बाद आपातकालीन उपयोग सूची पर निर्णय लेने में छह सप्ताह तक का समय लेता है। इससे पहले जून में डब्ल्यूएचओ ने भारत बायोटेक की ईओआई यानी एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट को स्वीकार किया था। वहीं तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा कोवैक्सीन के इमरजेंसी यूज के लिए समीक्षा की जा रही थी। डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने जुलाई में बताया था कि तकनीकी विशेषज्ञ समिति डोजियर की समीक्षा कर रही है।
जुलाई में प्रस्तुत किया गया था डोजियर
डॉक्टर पूनम खेत्रपाल सिंह ने बताया था कि फाइजर, एस्ट्राजेनेका, मॉडर्न, जॉनसन एंड जॉनसन, सिनोवैक और सिनोफार्म को डब्लूएचओ द्वारा इमरजेंसी यूज लिस्टिंग दिया गया है। साथ ही उन्होंने बताया था कि कोवैक्सीन के लिए भारत बायोटेक द्वारा डब्लूएचओ इमरजेंसी यूज लिस्टिंग की मांग की गई है। वहीं डब्लूएचओ ने कंपनी के साथ एक पूर्व-सबमिशन बैठक की थी। इसके बाद जुलाई माह के शुरुआत में वैक्सीन कंपनी ने डब्लूएचओ को एक डोजियर प्रस्तुत किया था।
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कई देशों ने नहीं दी कोवैक्सिन को मान्यता
डब्ल्यूएचओ की ओर से कोवैक्सीन को को मंजूरी में देरी होने से इसे कुछ देशों में मान्यता मिलने में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। डब्ल्यूएचओ की ओर से इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद कोवैक्सिन को दुनियाभर में मान्यता मिलने की संभावना बढ़ जाएगी। वहीं कुछ समय पहले ही भारत बायोटेक ने इंडिया में तीसरे चरण का ट्रायल डेटा डीसीजीआई को सौंपा था। इससे पहले डीसीजीआई ने कोवैक्सीन को पहले और दूसरे चरण के ट्रायल डेटा के आधार पर भारत में जनवरी के महीने में आपात इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी थी।