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नीमच

तब लाखों बच्चों के भविष्य के साथ होगा खिलावाड़

शासन की मनमानी का खामियाजा भुगतेंगे मासूम बच्चे

नीमचAug 28, 2018 / 11:03 pm

harinath dwivedi

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जिला भाजपा कार्यालय पर जिलाध्यक्ष हेमंत हरित को ज्ञापन सौंपते हुए

नीमच. शासन अपनी मनमानी पर अड़ा है और वे अपनी बात मनवाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। इसका नुकसान शासन को तो कतई नहीं हो रहा है। सीधे सीधे दो पाटों के बीच कोई ***** रहा है तो वो है प्रदेश के लाखों मासूम बच्चे। जल्द इसका बीच का रास्ता नहीं निकाला गया तो मासूम बच्चों स्कूल जाने के बजाय घर पर बैठना पड़ सकता है।
भाजपा जिलाध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम अनुसार अशासकीय शिक्षण संस्था संघ ने भाजपा जिला कार्यालय पहुंचे। कार्यालय पर जिलाध्यक्ष हेमंत हरित को संघ की 9 सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से संघ अध्यक्ष सुशील जाधव और सचिव देशना जैन ने मुख्यमंत्री तक मांगे पहुंचने का अनुरोध किया। साथ ही संघ की ओर से चेतावनी भी दी गई कि यदि मांगों पर 5 सितंबर तक किसी प्रकार का निर्णय नहीं लिया गया तो 6 सिंतबर से प्रदेश स्तर पर अशासकीय शिक्षण संस्थाओं को अनिश्चितकालीन समय के लिए बंद रखने का निर्णय भी लिया जा सकता है। संघ की ओर से मांगें नहीं माने जाने पर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का बहिष्कार करने की भी चेतावनी दी गई। इसकी पूरी जवाबदेही शासन की होगी। पूर्व घोषणा अनुसार मंगलवार को जिले के सभी अशासकीय शिक्षण संस्थाएं बंद रही। जिले में करीब 600 अशासकीय शिक्षण संस्थाएं हैं। अशासकीय शिक्षण संस्थाओं के विरोध के बाद भी जिला मुख्यालय पर सरस्वती शिशु मंदिर और एसएसवीएम स्कूल खुले थे।
सिंगोली में भी स्कूल रहे बंद
प्रदेश संगठन सोसायटी फॉर प्राइवेट स्कूल डाइरेक्टर्स ऑफ मध्यप्रदेश एवं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन मध्यप्रदेश के आह्वान पर सिंगोली तहसील क्षेत्र के स्कूल संचालकों ने अपने अपने विद्यालय बंद रखकर दोपहर 2 बजे तहसील कार्यालय पर शिक्षण संस्थाओं के संचालकों ने अपनी 10 सूत्री मांगों के जल्द निराकरण हेतु मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार सुधाकर प्रसाद तिवारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में संचालकों ने अपनी मांगों में बताया कि अशासकीय शिक्षण संस्थाओं के फीस अधिनियम नियम कानून के विपरीत है। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा बड़ी संख्या में निजी विद्यालयों की मान्यता का निरस्तीकरण किया जा रहा है जो गलत है। उसे तत्काल प्रभाव से खत्म किया जाए। विद्यार्थियों की सुविधा के लिए संचलित वाहन हेतु स्कूल प्राचार्य को जिम्मेदार बताना। आरटीई के तहत नि:शुल्क छात्रों के प्रवेश पर प्रतिपूर्ति राशि अन्य राज्यों की तुलना में बहुत कम है। इसे बढ़ाई जाए आदि कुल 10 मांगों का जल्द निराकरण करने की मांग मुख्यमंत्री से ज्ञापन में की गई है। साथ ही बताया कि इस संबंध में प्रदेश संगठन के पदाधिकारियों ने अनेक बार मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास भी किया। उन्हें मिलने का समय ही नहीं दिया गया। न ही इस विषय पर कोई चर्चा की। अशासकीय शिक्षण संस्था संघ के सदस्यों में प्रदेश सरकार द्वारा की जा रही अनदेखी से शासन के खिलाफ काफी आक्रोश व्याप्त है। यदि समय रहते हमारी मांगों पर विचार नहीं किया जाता हैं तो आगामी 5 सितंबर शिक्षक दिवस का विरोध किया जाएगा। साथ ही प्रदेश संगठन के आह्वान पर अनिश्चितकाल के लिए प्रदेश के सभी अशासकीय विद्यालयों को बन्द किया जाएगा। ज्ञापन देते समय अशासकीय शिक्षण संस्था संघ के सिंगोली तहसील अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह चुंडावत, अरविंद विश्नोई, मुरली पालीवाल आदि निजी विद्यालयों के संचालक गण उपस्थित थे।

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