एक अन्य कथा जो नागलोक से जुड़ी एक भीम की कथा भी है, उल्लेखनीय है कि भीम के पास हजारों हाथियों के बराबल बल था, कहा जाता है कि यह बल उनको नागलोक से ही मिला था, महाभारत के अनुसार भीम के इस अद्भुत बल से दुर्योधन खुश नहीं था इसलिए उसने भीम को मारने के लिए युधिष्ठिर के सामने गंगा तट पर स्नान, भोजन और खेल का प्रस्ताव रखते हुए कई प्रकार के व्यंजन तैयार करवाए। भोजन में दुर्योधन ने भीम को विषयुक्त भोजन दे दिया था, उनके बेहोश होते ही दुर्योधन ने भीम को गंगा में डुबो दिया था, मूर्छित भीम नागलोक पहुंच गए थे जहां उनको विषधर नागडंसने लगे इससे भीम के शरीर में विष का प्रभाव नष्ट होते ही वह चेतना में आ गए थे, और वह नागों में मारने लगे इसके बाद कुछ नाग भागकर आपने राजा वासुकि के पास पहुंचे, वासुकि ने पहुंचकर भीम से परिचय लिया। वासुकि नाग ने भीम को अपना अतिथि बना लिया। नागलोक में आठ ऐसे कुंड थे, जिनका जल पीने से शरीर में हजारों हाथियों का बल आ जाता था। नागराज वासुकि ने भीम को उपहार में उन आठों कुंडों का जल पिला दिया। इससे भीम गहरी नींद में चले गए। आठवें दिन जब उनकी निद्रा टूटी तो उनके शरीर में हजारों हाथियों का बल आ चुका था। भीम के विदा मांगने पर नागराज वासुकी ने उन्हें उनकी वाटिका में पहुंचा दिया।