किसान कराएंगे एडवांस में रजिस्ट्रेशन गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि पोर्टल के जरिए किसानों को एडवांस में रजिस्ट्रेशन कर एमएसपी या उससे भी अधिक रेट पर तूर दाल बेचने में सुविधा होगी और डीबीटी के जरिए सीधे खाते में भुगतान हो सकेगा। इस पहल से देश को दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने और किसानों की समृद्धि और पोषण अभियान को गति मिलेगी।
2027 तक दलहन में देश को आत्मनिर्भर बनाना है अमित शाह ने बताया कि दलहन के क्षेत्र में देश आज आत्मनिर्भर नहीं है, लेकिन हमने मूंग और चने में आत्मनिर्भरता प्राप्त की है। प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों पर वर्ष 2027 तक दलहन के क्षेत्र में भारत को आत्मनिर्भर बनाने की बड़ी जिम्मेदारी डाली है। शाह ने उम्मीद जताई कि किसानों के सहयोग से दिसंबर 2027 से पहले दलहन उत्पादन के क्षेत्र में देश आत्मनिर्भर बन जाएगा। शाह ने कहा कि दलहन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सहकारिता मंत्रालय और कृषि मंत्रालय सहित अन्य पक्षों की कई बैठकें हुई हैं जिनमें इस लक्ष्य को प्राप्त करने की राह में आने वाली बाधाओं पर चर्चा की गई है।
दलहन किसानों को भटकना नहीं पड़ेगा उन्होंने कहा कि कई बार दलहन उत्पादक किसानों को सटोरियों या किसी अन्य स्थिति के कारण उचित दाम नहीं मिलते थे, जिससे उन्हें बड़ा नुकसान होता था। इसके कारण किसान दलहन की खेती करना पसंद नहीं करते थे। हमने निश्चित कर लिया है कि जो किसान उत्पादन करने से पहले ही पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराएगा, उसकी दलहन को एमएसपी पर शत-प्रतिशत खरीद कर लिया जाएगा। शाह ने कहा कि इस पोर्टल पर रजिस्टर करने के बाद किसानों के दोनों हाथों में लड्डू होंगे। दलहन फसल आने पर अगर दलहन का दाम एमएसपी से ज्यादा होगा तो उसकी एवरेज निकाल कर भी किसान से ज्यादा मूल्य पर दलहन खरीदने का एक वैज्ञानिक फार्मूला बनाया गया है और इससे किसानों के साथ कभी अन्याय नहीं होगा।
दलहन, खेत में उर्वरक का लघु कारखाना जैसा सहकारिता मंत्री ने कहा कि पहले किसानों को दलहन का उचित दाम नहीं मिलता था, लेकिन अब प्रधानमंत्री ने किसानों की दुविधा समाप्त कर दी है। अगर किसानों ने रजिस्ट्रेशन कराया है तो एमएसपी पर पूरी दलहन खरीदने की जिम्मेदारी नैफेड और एनसीसीएफ की है। उन्होंने कहा कि दलहन एक प्रकार से फर्टिलाइजर का एक लघु कारखाना आपके खेत में ही लगा देती है। एक हेक्टेयर क्षेत्र में 30 से 40 किलो नाइट्रोजन उपलब्ध कराना बहुत बड़ी बात है और ढेर सारे प्रयोगों से ये सिद्ध हुआ है। शुभ समाचार है कि वे दलहन के लिए अपनी भूमि के आकार का रजिस्ट्रेशन करा के इस बात के लिए निश्चिंत हो सकते हैं कि उनकी दलहन एमएसपी पर खरीदी जाएगी।
एक्सपोर्ट के लिए सरकार ने बनाई कॉपरेटिव अमित शाह ने बताया कि दलहन के उत्पादन के मामले में क्षेत्रफल और उत्पादन दोनों में भारत आज दुनिया में नंबर वन है। दुनिया में दलहन उत्पादन की बुवाई का 31 प्रतिशत क्षेत्र भारत में हैऔर कुल दलहन उत्पादन में भारत की 28 प्रतिशत हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि एक्सपोर्ट के लिए सरकार ने एक कॉपरेटिव बनाई गई है, जिसके माध्यम से दुनिया भर में दलहन निर्यात का लक्ष्य रखकर आगे बढ़ना है और यह जिम्मेदारी देश के किसानों पर है। शाह ने कहा कि प्रोडक्विटी बढ़ाने के लिए अच्छे बीज उत्पादन के लिए भी एक कॉपरेटिव बनाई गई है, कुछ ही दिनों में हम दलहन और तिलहन के बीजों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए अपना प्रोजेक्ट सामने रखेंगे। हम अपने परंपरागत बीजों का संरक्षण और सवंर्धन भी करेंगे। इसके साथ-साथ उत्पादकता बढ़ाने के लिए हमने कॉपरेटिव आधार पर बहु-राज्यीय बीज संशोधन समिति बनाई है। उन्होंने सभी पैक्स से समिति में रजिस्टर कराने की भी अपील की।
पेट्रोल का कुंआ बन जाएगा मक्के की फसल वाला खेत
शाह ने पेट्रोल के साथ 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाने के लक्ष्य की चर्चा करते हुए किसानों को मालामाल करने की योजना भी बताई। उन्होंने कहा कि पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिलाना है तो हमें इसके लिए लाखों टन इथेनॉल का उत्पादन करना है। जो किसान मक्का बोएगा, उसके लिए हम सीधा इथेनॉल बनाने वाली फैक्ट्री के साथ एमएसपी पर मक्का बेचने की व्यवस्था कर देंगे, जिससे उनका कोई शोषण नहीं होगा और पैसा सीधा उनके बैंक अकाउंट में जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे आपका खेत मक्का उगाने वाला नहीं बल्कि पेट्रोल बनाने वाला कुंआ बन जाएगा।