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नई दिल्ली

फाइलेरिया मुक्त राज्य अभियान: उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में 10 फरवरी से 72 हजार स्वास्थ्यकर्मी खिलाएंगे फाइलेरिया रोधी दवा

– अभियान को सफल बनाने के लिए 7000 पर्यवेक्षक किए गए नियुक्त

नई दिल्लीFeb 09, 2024 / 04:59 pm

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अनुराग मिश्रा
लखनऊ। फाइलेरिया के खिलाफ यूपी सरकार पूरे राज्य में अभियान चला रही है। अभियान की शुरुआत 10 से होगी और 28 फरवरी तक प्रदेश के 17 जिलों में फाइलेरिया मुक्ति अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत इन 17 जिलों में 72 हजार स्वास्थ्यकर्मी 3.5 करोड़ से अधिक प्रदेशवासियों को फाइलेरिया की दवा खिलाएंगे।

योगी ने की अभियान से जुड़ने की अपील

यूपी के सीएम योगी ने सभी से फाइलेरिया के खिलाफ इस महाअभियान से जुड़ने की अपील की है। ग़ौरतलब है कि क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होने वाली गंभीर बीमारी फाइलेरिया के लक्षण पांच से 15 साल में दिखाई देते हैं। ऐसे में हर कोई खुद को फाइलेरिया ग्रसित मानकर दवा का सेवन करे और खुद के साथ ही आने वाली पीढ़ी को भी इससे सुरक्षित बनाए। यह दवा पूरी तरह सुरक्षित है, इसलिए लक्षण आने का इंतजार न करके दवा का सेवन करना ही समाज हित में है।

10 से 28 फरवरी तक अमेठी, आजमगढ़, बलिया, बांदा, बाराबंकी, बरेली, हमीरपुर, जौनपुर, जालौन, लखनऊ, पीलीभीत, शाहजहांपुर, प्रयागराज, प्रतापगढ़, सोनभद्र, उन्नाव और वाराणसी में एमडीए राउंड चलाया जाएगा। इनमें अमेठी, आजमगढ़, बांदा, बाराबंकी, बरेली, लखनऊ, प्रतापगढ़, प्रयागराज, उन्नाव और वाराणसी में ट्रिपल ड्रग (आइवरमेक्टिन, डीईसी और एल्बेंडाजोल) का सेवन कराया जाएगा जबकि बलिया, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर और सोनभद्र में डबल ड्रग (डीईसी और एल्बेंडाजोल) का सेवन कराया जाएगा।

असावधानी, लापरवाही से दिव्यांग बना सकती है फाइलेरिया बीमारी

डॉक्टरो के मुताबिक़ फाइलेरिया व्यक्ति के साथ परिवार को भी दुर्बल बनाती है। यह बीमारी अगर परिवार के ऐसे व्यक्ति को हो जाए, जिसकी आमदनी पर पूरा परिवार पल रहा है और आय का कोई अतिरिक्त स्रोत नहीं है तो धीरे-धीरे पूरा परिवार का दुर्बल हो जाना स्वाभाविक है। ध्यान नहीं देने पर यह बीमारी पहले और फिर चौथे चरण पहुंचकर पूर्ण रूप से दिव्यांग बना देती है। इस अवस्था में व्यक्ति को कई और बीमारियां होने लगती हैं। ऐसे में दवा का सेवन जरूर करें।

साढ़े तीन करोड़ से अधिक लोगों को खिलाई जाएगी दवा

कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए ब्लॉक व ग्राम पंचायत स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाए गए हैं। साथ ही विभाग की ओर से सोशल मीडिया फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। इसके अलावा लोककला गायन और नुक्कड़ नाटक का भी मंचन किया जा रहा है। अभियान को सफल बनाने के लिए 36 हजार टीमों को गठन किया गया हैं, जिसमें 72 हजार स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। वहीं सात हजार पर्यवेक्षक अभियान की निगरानी करेंगे जबकि 3,60,25,891 लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य तय किया गया है। अभियान के दौरान दवा दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और गंभीर रूप से बीमार को छोड़कर सभी को खिलाई जाएगी। शत-प्रतिशत लोगों को दवा का सेवन कराने के लिए स्वास्थ्य टीम घर-घर जाकर दवा उपलब्ध कराएगी। अगर घर पर कोई नहीं मिलता है तो दोबारा जा कर दवा खिलाई जाएगी। साथ ही लोग अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जा कर खुद भी दवा का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, जिला अस्पताल, सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में यह दवा उपलब्ध रहेगी। स्कूल जाने वाले बच्चों को उनके शैक्षणिक संस्थानों में दवा खिलाई जाएगी। वहीं मेडिकल काॅलेज और लखनऊ स्थित मीडिया संस्थानों में बूथ भी लगाए जाएंगे।

ये हैं फाइलेरिया के लक्षण और उपाय

– पांच से 15 साल में हाइड्रोसील, हाथ-पैर व स्तन में सूजन आदि

– सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) चक्र में दवा का सेवन जरूर करें

– गंदगी और मच्छर से दूर रहें और पूरी बांह का कपड़ा पहनें

-मच्छर से बचने के लिए मच्छरदानी का उपयोग दिन में भी करें

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