चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया! शिश मणी मौरिया, कुण्डल सोहे कनवा,
कारी कारी कजरारी जुलमी नयनवा, लाल चंदन सोहे इनके भाल सखिया, श्यामल-श्यामल, गोरे- गोरे, जोड़ीया जहान रे,
अँखिया ना देखनी सुनलीं ने कान हे
चारों दुलहा में बड़का कमाल सखिया जहां एक ओर सीता-राम को परमसत्ता स्वरूप मानकर आराधना व वंदन किया जाता है तो वहीं दूसरी ओर श्रद्धालु माता सीता से बेटी व प्रभु श्रीराम से जमाता वाले संबंध का मान रखते हुए उसे पूरी श्रद्धा से निभाते हैं। यही वजह है कि अपने भक्तों के किरदार में वास करने वाले भक्तवत्सलम प्रभु श्रीराम और माता जानकी जब अयोध्या की भावभूमि में अपने राजमहल में विराजमान मान होने जा रहे हैं तो सबसे पहला नेग भी नेपाल स्थित जनकपुरी से भेजा गया है।
शनिवार को लगभग तीन दर्जन वाहनों से कारसेवकपुरम् पहुंची। इसमें पांच सौ से ऊपर रामलला के ससुराल पक्ष के भक्त गण सम्मिलित हैं। कारसेवकपुरम में श्रद्धालुओं का हुआ स्वागत, उपहार किए गये स्वीकार
कारसेवकपुरम् में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव ने श्रद्घालुओं का स्वागत कर श्रीराम-जानकी के निमित्त लाए गए उपहार को स्वीकार किया। नेपाल के जनकपुर धाम स्थित राम जानकी मंदिर से 3000 से ऊपर भार सनेश लेकर निकली यात्रा अयोध्या पहुंची। उपहारों में बड़ी संख्या में सोने चाँदी के आभूषण भगवान श्रीराम के लिए भव्य मुकुट मिथिला और की परंपरा जनकपुर की परंपरा के मुताबिक़ रेशम के वस्त्र मिष्ठान और फल शामिल हैं।