जाइडस कैडिला की कोरोना वैक्सीन जाइकोव-डी (Zycov D) का तीसरे चरण का ट्रायल पूरा हो गया है। इसके चलते कैडिला ने सेंट्रल ड्रग स्टैण्डर्ड कंट्रोल आर्गेनाइजेशन से कोरोना की वैक्सीन के आपातकाल इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है। बता दें कि कंपनी ने करीब 28 हजार लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल पूरा करने के बाद आपातकाल इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन दिया है, जिस पर सीडीएससीओ की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी में डाटा एनालिसिस हो रहा है। इस पर इसी हफ्ते फैसला आ सकता है।
कोरोना पर कितनी प्रभावी जाइकोव-डी कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद से लोगों में वैक्सीन को लेकर भय और बढ़ गया है। ऐसे में किसी भी वैक्सीन को मंजूरी मिलने पर लोग सबसे पहले यही सवाल करते हैं कि कोरोना की यह वैक्सीन महामारी पर कितनी प्रभावी है। वहीं जाइडस कैडिला ने कुछ दिनों पहले दावा किया था कि इस वैक्सीन की कोरोना पर 66.60 फीसदी प्रभावी है।
इस वैक्सीन का पूरा कोर्स तीन खुराकों का है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वैक्सीन को 4-4 हफ्तों के अंतराल पर दी जा सकती है। इस वैक्सीन को 2-8 डिग्री तापमान पर स्टोर किया जा सकता है। ये पहली Plasmid डीएनए वैक्सीन है। इसमें इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं, बल्कि ये वैक्सीन नीडल फ्री है, इसे जेट इंजेक्टर के ज़रिए दिया जा सकेगा। कंपनी की योजना सालाना 10-12 करोड़ डोज बनाने की है।
गौरतलब है कि फिलहाल भारत में कोवीशील्ड और कोवैक्सीन के टीके लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा देश में स्पुतनिक-वी और हाल ही में भारत ने अमेरिका की जॉनसन एंड जॉनसन की सिंगल डोज वाली कोरोना वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। अमेरिकी फार्मास्युटिकल्स कंपनी ने 5 अगस्त को सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ) में आवेदन करके इस वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी मांगी थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।