शहर की तीन लाख की आवादी के बीच 152 वाटर सप्लाई पंप हैं लेकिन करीब 80 अटेंडर हैं। पर्याप्त अटेंडर नहीं होने से पेयजल व्यवस्था प्रभावित हो रही है।
व्यवस्था के तौर पर एक अटेंडर पर दो से तीन पंपों के संचालन की जिम्मेदारी मुरैना. नगर निगम के 47 वार्डों के बीच 152 वाटर पंप स्थित हैं। इनमें से कुछ पुराने और कुछ नए स्तर पर खनन किए हुए हैं। शहर के वाटर पंप की संख्या के हिसाब से देखें तो प्रत्येक वार्ड में तीन पंप होना चाहिए लेकिन इसमें भी विसंगति नजर आ रही है, किसी वार्ड में दो तो किसी ने तीन से अधिक वाटर पंप हैं इसलिए पानी सप्लाई की व्यवस्था प्रभावित हो रही है। इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है ऐसी स्थिति में पानी की आवश्यकता भी ज्यादा पड़ती है। कुछ वार्ड ऐसे हैं जहां पंप अटेंडर नहीं हैं, वहां जनता स्वयं हैंडल कर रही है, ऐसी स्थिति में पंप की मोटर खराब होने की आशंका रहती हैं क्योंकि जनता का क्या है पंप चालू कर दिया फिर बंद करना भूल जाते हैं और घंटों पंप चलता रहता है। ऐसे ही मामला पिछले दिनों वार्ड क्रमांक 12 में आया था जहां पंप चालू करके छोड़ दिया जिससे पंप में खराबी आ गई थी, बाद में निगम ने उसको दुरस्त कराया। हालांकि खराबी तो कहीं न कहीं आती रहती उसको निगम की टीम समय समय पर दुरस्त भी करवाती है। 72 पंप पर नहीं हैं अटेंडर, दिए प्रभार निगम सीमा में करीब 72 वाटर पंप ऐसे हैं जिन पर अटेंडर नहीं हैं। निगम ने अन्य अटेंडर खासकर नजदीक के पंप अटेंडर को प्रभार दिया गया है लेकिन उन पर लोढ अधिक होने पर समय पर प्रोपर पंप चालू नहीं हो पा रहे हैं। कमिश्नर कॉलोनी के पार्क में पंप को कोई भी चालू कर देता है और फिर बंद करने की कोई समय सीमा नहीं हैं। इसलिए उसके खराब होने की आशंका बनी रहती है। जिन पंचायतों को निगम में शामिल किया, वहां ज्यादा परेशानी शहर से सटी जिन 12 पंचायतों को नगर निगम में शामिल किया गया था, उनमें से करीब छह पंचायतें ऐसी हैं जिनमें वाटर पंप तो हैं लेकिन प्रोपर समय पर चालू नहीं होते हैं जिसके चलते ग्रामीण परेशान हैं। इसके पीछे बिजली की प्रोपर सप्लाई न मिलना भी बताया गया है। पंप चालू करते समय अक्सर बिजली गुल हो जाती है जिससे पेयजल व्यवस्था प्रभावित हो रही है। प्रोपर वाटर सप्लाई न होने से उजड़े पार्क शहर के पार्कों में भी वाटर पंपों का खनन करवाया गया है लेकिन प्रोपर सप्लाई न होने से पार्क उजड़ रहे हैं। घास पूरी तरह सूख चुका है, पेड़ पौधे भी वृद्धि नहीं कर पा रहे हैं। खासकर कमिश्नर कॉलोनी, चंबल कॉलोनी, न्यू हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, पांचवी बटालियन सहित अन्य पार्कों के हालात खराब हैं। फैक्ट फाइल
03 लाख की आवादी है नगर निगम क्षेत्र में।
47 वार्ड में नगर निगम सीमा में।
152 वाटर पंप हैं निगम सीमा में।
80 के करीब पंप अटेंडर हैं यहां।
72 पंप पर नहीं हैं अटेंडर।
02 से 03 पंपों का प्रभार है एक अटेंडर पर। क्या कहते हैं लोग
कमिश्नर कॉलोनी पार्क में वाटर पंप लगा हुआ है। यहां कोई अटेंडर नहीं हैं। ताला लगा रहता है। चूंकि गेट थोड़ा लूज है इसलिए उसमें हाथ डालकर कोई भी पंप को चालू कर लेता है और फिर घंटों चलता रहता है। मुन्नालाल शर्मा, रहवासी
काशीपुरा नई बस्ती में वाटर पंप तो है लेकिन बिजली सप्लाई नियमित न होने से पेयजल व्यवस्था प्रभावित हो रही है। अक्सर पंप चालू करने के समय बिजली गुल हो जाती है इसलिए समय पर पानी की सप्लाई नहीं हो पाती है। रवि बित्तल, रहवासी कथन
निगम के 47 वार्डों में 152 वाटर पंप हैं। इनके बीच करीब 80 अटेंडर हैं, एक अटेंडर पर दो से तीन तक पंप को चलाने की जिम्मेदारी दी है अगर कहीं कोई दिक्कत आ रही है, तो हम दिखवा लेते हैं। ऋषिकेश शर्मा उपयंत्री व प्रभारी, जल शाखा, नगर निगम