मजदूर राकेश बंशकार, उपेंद्र अहिरवार, सक्कू अहिरवार और महेश अहिरवार ने बताया कि जवाहर चौराहा पर ग्रामीण क्षेत्र के मजदूर खड़े होते थे। यहीं से काम कराने के लिए लोग मजूदरों को ले जाते थे। बारिश और धूप के समय दुकानों नीचे खड़े हो जाते थे, लेकिन यहां पर छुपने के लिए जगह नहीं हैं। मजदूर रामेश्वर यादव और सुपरत लोधी ने बताया कि बारिश और धूप के समय सबसे ज्यादा परेशानियां होती हैं। सैकड़ो की संख्या में मजदूरों को छूपाने के लिए एक भी स्थान नहीं हैं। जहां पर बैठकर छुप सकें।