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अस्पताल ले जाते समय रास्ते में दम तोड़ने के मामले 67 फीसदी बढ़े

वर्ष 2021 के बाद से, हर साल Bengaluru में दुर्घटनाओं के कारण होने वाली अधिकांश मौतें एक महत्वपूर्ण समय सीमा के भीतर हुई हैं। ज्यादातर घातक दुर्घटनाएं शहर के बाहरी इलाकों की ओर जाने वाली प्रमुख हाई-स्पीड सड़कों पर और रात 9 बजे से सुबह 6 बजे की अवधि के दौरान होती हैं, जो एम्बुलेंस सेवाओं तक पहुंच में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं

बैंगलोरApr 29, 2024 / 07:40 pm

Nikhil Kumar

 सड़क सहित विभिन्न हादसों के शिकार पीड़ितों को समय रहते यानी गोल्डन आवर में सही अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उनके बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। लेकिन पिछले तीन वर्षों में अस्पताल ले जाते समय रास्ते में मरने वाले दुर्घटना पीड़ितों की संख्या बढ़ी है। बेंगलूरु यातायात पुलिस के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में 175 और वर्ष 2023 में 292 पीड़ितों की मौत हुई। यानी ऐसे मामलों में 67 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसके अलावा, वर्ष 2023 में, दुर्घटना होने के पहले घंटे के भीतर कम-से-कम 300 लोगों की मौत हुई।
ज्यादातर दुर्घटनाएं रात 9 बजे से सुबह 6 बजे के बीच

वर्ष 2021 के बाद से, हर साल Bengaluru में दुर्घटनाओं के कारण होने वाली अधिकांश मौतें एक महत्वपूर्ण समय सीमा के भीतर हुई हैं। ज्यादातर घातक दुर्घटनाएं शहर के बाहरी इलाकों की ओर जाने वाली प्रमुख हाई-स्पीड सड़कों पर और रात 9 बजे से सुबह 6 बजे की अवधि के दौरान होती हैं, जो एम्बुलेंस सेवाओं तक पहुंच में बाधा उत्पन्न कर सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार 108 एम्बुलेंस सेवा के तहत राज्य भर में 715 वाहनों का संचालन होता है, लेकिन आवश्यकता अनुसार इसकी पहुंच उतनी व्यापक नहीं हो सकी है।
पैरामेडिकल कर्मचारियों की कमी

विशेष रूप से निजी एम्बुलेंसों में बुनियादी जीवन रक्षक प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने के लिए प्रशिक्षित पैरामेडिकल कर्मचारियों की कमी है।

चोट की गंभीरता पर भी निर्भर

विक्टोरिया अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दीपक एस. ने कहा कि एम्बुलेंसों को पीड़ितों व अस्पताल तक पहुंचने वाली दूरी व समय के कारण आपातकालीन देखभाल सेवाओं में कमियां हैं। यातायात जाम जैसी कई चुनौतियां भी हैं। मरीज जितनी जल्दी अस्पताल पहुंचेगा और आपातकालीन देखभाल प्राप्त करेगा, उसके बचने की संभावना उतनी ही बेहतर होगी। हालांकि, यह चोट की गंभीरता पर भी निर्भर करता है।
ट्रैफिक सिग्नलों के बीच बेहतर तालमेल के प्रयास जारी

स्वास्थ्य आयुक्त ने कहा कि Karnataka में और 745 एम्बुलेंसों को 108 एम्बुलेंस सेवा से जोडऩे की जरूरत है। यातायात जाम के कारण एम्बुलेंस ज्यादा समय तक फंसी न रहे, इसके लिए ट्रैफिक सिग्नलों के बीच बेहतर तालमेल की जरूरत है। यातायात पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ चर्चा जारी है। Ambulanceके ट्रैफिक सिग्नलों के 200 मीटर के भीतर होने पर पुलिस को सूचित करने वाले अत्याधुनिक उपकरण विकसित किए जा सकते हैं।

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