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Education: विवि ने नई शिक्षा नीति के तहत प्रश्न पत्र पैटर्न में किया बदलाव

अब स्नातक प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष के एक समान पैटर्न पर होंगे प्रश्नपत्र

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छिंदवाड़ा. राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय ने प्रश्न पत्र पैटर्न में बदलाव कर दिया है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत स्नातक प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय वर्ष की परीक्षाओं में पूछे जाने वाले प्रश्न पैटर्न में एकरूपता लाने के लिए यह परिवर्तन किया गया है। अब तीनों ही कक्षाओं के प्रश्न पत्र का प्रारूप एक समान होगा। प्रश्न पत्र के प्रथम खंड में पांच वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्न पूछे जाएंगे। द्वितीय खंड में पांच प्रश्न अथवा के साथ पूछे जाएंगे जो की लघु उत्तरीय होंगे। तृतीय खंड दीर्घ उत्तरीय प्रकार का होगा, जिसमें सात प्रश्न पूछे जाएंगे एवं किन्ही चार प्रश्न का उत्तर देना होगा। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय द्वारा पहले एवं द्वितीय वर्ष में परीक्षा पैटर्न अलग-अलग निर्धारित किया गया था। स्नातक प्रथम वर्ष में पहले खंड में पांच अति लघुउत्तरीय प्रश्न थे। 50 शब्द में उत्तर देना था और प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होता था। दूसरे खंड में पांच लघुउत्तरीय अथवा के साथ पूछे जाते थे। तृतीय खंड में दीर्घ उत्तरीय प्रश्न पूछे जाते थे। इसमें सात प्रश्न में से चार के उत्तर देने होते थे। वहीं द्वितीय वर्ष में पहले खंड में नौ वस्तुनिष्ठ प्रश्न थे। दूसरे खंड में लघुउत्तरीय से कोई सात में पांच प्रश्न करने होते थे। तीसरे खंड में दीर्घउत्तरीय प्रश्न आते थे। चार में से दो प्रश्न के उत्तर देने होते थे।

समय पर होंगी परीक्षाएं
विश्वविद्यालय द्वारा समय पर परीक्षा एवं परिणाम देने के लिए तैयारी शुरु कर दी गई है। विश्वविद्यालय ने सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा जिले के संबद्ध कॉलेजों को इस संबंध में सूचना भी दे दी है। विश्वविद्यालय का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बाद परीक्षा समय-सारणी जारी हो जाएगी।

इनका कहना है…
परीक्षा प्रश्न पत्र पैटर्न में बदलाव किया गया है। इससे अब तीनों वर्ष के प्रश्न पत्र में एकरूपता रहेगी। नई शिक्षा नीति के तहत प्रथम एवं द्वितीय वर्ष में लागू था और अब तृतीय वर्ष में भी हो गया है।
डॉ. धनाराम उइके, परीक्षा नियंत्रक