8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एडवेंचर का रोमांच लील रहा मासूम जिंदगियां……

The thrill of adventure is swallowing innocent lives

2 min read
Google source verification
The thrill of adventure is swallowing innocent lives

The thrill of adventure is swallowing innocent lives

नरसिंहपुर-जिला प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यहां की हरियाली, पहाड़ी क्षेत्र, नदियां और जलप्रपात वाटरफ ॉल युवाओं और पर्यटकों को खासा आकर्षित करते हैं। लेकिन हाल के दिनों में यह रोमांच कई मासूम जिंदगियों को निगल चुका है। जिले के अनेक प्राकृतिक पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम नहीं हैं, जिससे एडवेंचर करने पहुंचे युवा हादसों का शिकार हो रहे हैं। हालिया घटना में विल्धा ग्राम के जंगली इलाके में स्थित हाथीनाला नाम के प्राकृतिक वाटर फाल में हुई तीन किशोरों की मौत की घटना ने इन स्थानों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिया है। यही नहीं बल्कि
बीते वर्षों में बरमान घाट, छोटा जबलपुर और गोटेगांव क्षेत्र की नर्मदा किनारे कई दर्दनाक हादसे हो चुके हैं। हाल ही में गाडरवारा के एक युवक की डमरूघाटी के पीछे हिस्से से गुजरी शक् कर नदी में डूबने से मौत हो चुकी है। इस तरह की अनेक घटनाएं है जिनमें असमय ही जान गंवाने वाले ज्यादातर युवा या किशोर ही हैं जो किसी न किसी रूप में प्राकृतिक सौंदर्य से आकर्षित होकर यहां पहुंचे और मौज मस्ती के चक्कर में अपनी जान गंवा बैठे हैं। हाथीनाला के अलावा गोटेगांव क्षेत्र के बरहटा,बुढैऩा के वाटर फाल सहित एनएच 44 हाइवे क्षेत्र के प्रमुख पर्यटन स्थलों जैसे इंदिरा वॉटरफ ॉल, गीदकांच, मुंडी टोरिया, पुतली खोह,पंचधारा सहित अन्य कई जगहें शामिल हंै। जहां बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही रहती है। लेकिन सुरक्षा के इंतजाम नाकाफी हैं।
नेचर टूरिज्म की संभावनाएं, लेकिन लापरवाही भारी
जिला प्रशासन पर्यटन को बढ़ावा देने की बात तो करता है लेकिन जमीनी हकीकत ये है कि इन स्थलों पर न तो कोई गाइड तैनात हैं न ही चेतावनी बोर्ड प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा या जीवन रक्षक उपकरण। वन क्षेत्र के अंदर मौजूद कई दर्शनीय स्थल बिना निगरानी के खुले पड़े हैं।
स्थानीयों की चेतावनी को नजरअंदाज करते हैं युवा
ग्रामीण और स्थानीय लोग कई बार पर्यटकों को खतरनाक इलाकों में न जाने की सलाह देते हैं, लेकिन रोमांच की चाहत में युवा उनकी बात नहीं सुनते। सोशल मीडिया पर रील्स और फ ोटो के लिए जोखिम उठाना अब आम हो गया है।
सख्त सुरक्षा इंतजामों की जरूरत
प्राकृतिक स्थलों पर हो रहे इन हादसों को रोकने के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। सुरक्षा गार्ड की नियुक्ति, चेतावनी संकेत, रस्सी रेलिंग की व्यवस्था और सीमित पहुंच जैसे उपाय किए जाने चाहिए। साथ ही स्कूल.कॉलेजों में जागरूकता अभियान भी जरूरी है। बहरहाल एडवेंचर और प्रकृति से प्रेम करना गलत नहीं, लेकिन जिंदगी उससे कहीं ज्यादा कीमती है। जब तक सुरक्षा के ठोस इंतजाम नहीं होते, रोमांच जानलेवा साबित होता रहेगा।

वर्जन
जिले में मौजूद प्राकृतिक स्थलों पर जोखिम भरी घटनाओं की रोकथाम के लिए स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी तय होना चाहिए। इन जगहों पर चेतावनी और सुरक्षा संकेतों की व्यवस्था कराई जानी चाहिए। लोगों की रोक टोक का भी इंतजाम हो।
वीरेंद्र सूर्यवंशी प्रभारी जिला आपदा प्रबंधन टीम

वर्जन
जिले के फारेस्ट एरिया में स्थित सभी ऐसे जोखिम भरे स्थानों पर वन अमले की तैनाती के निर्देश परिक्षेत्र अधिकारियों को दिए गए है। इसके अलावा आने वाले दिनों में हम वन समितियों को सक्रिय करते हुए ऐसे स्थानों पर असामाजिक तत्वों की रोकथाम की जिम्मेदारी भी तय कर रहे हैं।
विकास शर्मा आईएफएस व अनुविभागीय अधिकारी नरसिंहपुर