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जानवरों के इस्तेमाल के लेबल वाली दवाएं इंसानों के सरकारी अस्पताल पहुंची

संबंधित विभाग के एक अधिकारी के अनुसार यह केवल लोगो से संबंधित मुद्दा था और दवाएं वास्तव में मानव उपयोग के लिए थीं। स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव ने भी इसकी पुष्टि की है।

बैंगलोरMay 24, 2024 / 07:04 pm

Nikhil Kumar

निगम के कोडुगू गोदाम के एक अधिकारी ने उत्पादों पर एएचवीएस लोगो देखा और इसे उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया

कई सरकारी अस्पतालों में एक चौकाने वाला मामला सामने आया है। कुछ दवाओं पर animal husbandry veterinary science (एएचवीएस) का लेबल पकड़ में आया है। कई मरीज इसे देख कर हैरान रह गए। हालांकि, संबंधित विभाग के एक अधिकारी के अनुसार यह केवल लोगो से संबंधित मुद्दा था और दवाएं वास्तव में मानव उपयोग के लिए थीं। स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव ने भी इसकी पुष्टि की है।
कर्नाटक राज्य चिकित्सा आपूर्ति निगम लिमिटेड (केएसएमएससीएल) के प्रबंध निदेशक चिदानंद सदाशिव वतारे ने कहा कि ‘लॉगोग्राम’ डिजाइन में एक त्रुटि थी, लेकिन उत्पाद मानक गुणवत्ता और ‘केवल मानव उपयोग’ का था। उत्पाद अनुमति प्रतियां प्रस्तुत की गईं और पुष्टि की गई कि उन्हें आवश्यक चिकित्सा मानकों के अनुसार और केवल मानव उपयोग के लिए निर्माण की अनुमति दी गई थी।
Karnataka State Medical Supplies Corporation Limited के सूत्रों के मुताबिक, सात दवाएं ऐसी थीं, जिन पर एएचवीएस लेबल था। इसमें आंख और नाक की बूंदें शामिल थीं। एक निजी फर्म ने 5 जनवरी को कुल 62.9 लाख रुपए मूल्य की दवा केएसएमएससीएल के गोदाम भेजी थी।
निगम के कोडुगू गोदाम के एक अधिकारी ने उत्पादों पर एएचवीएस लोगो देखा और इसे उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया। हालांकि, आपूर्तिकर्ता ने 18 जनवरी को केएसएमएससीएल से टाइपो को छिपाकर आपूर्ति किए गए उत्पादों को स्वीकार करने का अनुरोध किया था। उत्पाद जानकारी के लेबल में कोई बदलाव नहीं किया गया। इसके अलावा, उत्पाद के एक भाग में लॉगोग्राम डिजाइन सही था और केवल दूसरे भाग में लॉगोग्राम डिजाइन में मुद्रण त्रुटि थी, जिसमें स्वास्थ्य विभाग के बजाय इसे एएचवीएस विभाग के रूप में टाइप किया गया था। 25 फीसदी दवाएं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित अस्पतालों को भेजी गईं। मामला सामने आने के बाद इनमें से 70 फीसदी दवाएं वापस मंगा ली गई हैं।
एक प्रतिशत का जुर्माना

वतारे ने बताया कि आपूर्तिकर्ता कंपनी पर खरीद आदेश मूल्य पर एक प्रतिशत का जुर्माना भी लगाया गया और सभी गोदामों को निर्देश दिया गया कि वे त्रुटि को छिपाने के बाद ही उत्पादों को वितरित करें। आपूर्तिकर्ता को दोबारा गलती न करने की चेतावनी भी दी गई।

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