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कृपांक के कारण बढ़ा उत्तीर्ण प्रतिशत

दरअसल, पहली बार सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी के माध्यम से WEBCASTING की नई प्रणाली शुरू की गई। लाइव फीड की निगरानी के लिए सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए। परीक्षा पूरी तरह से कदाचार मुक्त रहा

बैंगलोरMay 10, 2024 / 12:23 pm

Nikhil Kumar

योग्यता अंकों को मौजूदा 35 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने का निर्णय लिया गया

उत्तीर्ण प्रतिशत बढ़ाने के लिए एक लाख से अधिक छात्रों को grace marks दिए गए

कृपांक अंक नहीं मिले होते तो SSLC की पहली बोर्ड परीक्षा में 73.40 फीसदी नहीं बल्कि 54 फीसदी विद्यार्थी ही उत्तीर्ण हुए होते। Karnataka School Examination and Evaluation Board की अध्यक्ष मंजूश्री ने गुरुवार को नतीजे जारी करते हुए इसका खुलासा किया।
दरअसल, पहली बार सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी के माध्यम से WEBCASTING की नई प्रणाली शुरू की गई। लाइव फीड की निगरानी के लिए सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए। परीक्षा पूरी तरह से कदाचार मुक्त रहा। पिछले वर्ष की तुलना में उत्तीर्ण प्रतिशत में 30 प्रतिशत की गिरावट आई। वेबकास्टिंग एक नया हस्तक्षेप था। इसलिए सरकार ने छात्रों के हित में सामान्यीकरण को बढ़ाने का निर्णय लिया।
योग्यता अंकों को मौजूदा 35 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने का निर्णय लिया गया है और इस वर्ष की सभी 3 एसएसएलसी परीक्षाओं के लिए एक बार के उपाय के रूप में सभी विषयों में कृपांक अंक 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है। उत्तीर्ण प्रतिशत बढ़ाने के लिए एक लाख से अधिक छात्रों को grace marks दिए गए हैं। अगले वर्ष से शिक्षक और छात्र नई प्रणाली के लिए बेहतर ढंग से तैयार होंगे और उन्नत सामान्यीकरण की आवश्यकता नहीं होगी।

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