दरअसल, पहली बार सभी परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी के माध्यम से WEBCASTING की नई प्रणाली शुरू की गई। लाइव फीड की निगरानी के लिए सभी जिलों में नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए। परीक्षा पूरी तरह से कदाचार मुक्त रहा। पिछले वर्ष की तुलना में उत्तीर्ण प्रतिशत में 30 प्रतिशत की गिरावट आई। वेबकास्टिंग एक नया हस्तक्षेप था। इसलिए सरकार ने छात्रों के हित में सामान्यीकरण को बढ़ाने का निर्णय लिया।
योग्यता अंकों को मौजूदा 35 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने का निर्णय लिया गया है और इस वर्ष की सभी 3 एसएसएलसी परीक्षाओं के लिए एक बार के उपाय के रूप में सभी विषयों में कृपांक अंक 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया गया है। उत्तीर्ण प्रतिशत बढ़ाने के लिए एक लाख से अधिक छात्रों को grace marks दिए गए हैं। अगले वर्ष से शिक्षक और छात्र नई प्रणाली के लिए बेहतर ढंग से तैयार होंगे और उन्नत सामान्यीकरण की आवश्यकता नहीं होगी।