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बदला पानी का जायका…पर ‘बदहजमी’ के लिए बदले मौसम का भी असर!

सीएचसी पर इन दिनों पेट दर्द, कब्ज, अफारा, एसीडिटी, उल्टी और दस्त रोगी भी बढ़े

श्री गंगानगरMay 02, 2024 / 06:55 pm

Ajay bhahdur

बदला पानी का जायका...पर ‘बदहजमी’ के लिए बदले मौसम का भी असर!

श्रीकरणपुर. राजकीय चिकित्सालय में पेट संबंधी समस्या को लेकर आए रोगी। -पत्रिका

श्रीकरणपुर. नहरबंदी समाप्त होने के बाद भी इन दिनों घरों में नहरी के साथ नलकूप (ट््यूबवेल) का मिश्रित पानी आ रहा है। लोगों का कहना है कि पानी का जायका बदलने के साथ उनका हाजमा भी बिगड़ा है। शायद यही वजह है कि सीएचसी पर इन दिनों पेट दर्द, कब्ज, अफारा, एसीडिटी, उल्टी और दस्त रोगी भी बढ़े हैं लेकिन चिकित्सकों का मानना है कि मौसम में बदलाव के चलते यह परेशानियां सामान्य हैं।
आपको बता दें कि नहरबंदी होने पर करीब एक माह से यहां एक दिन छोड$कर जलापूर्ति की जा रही है। साथ ही साथ पहले से भंडारित नहरी पानी के साथ नलकूप (ट््यूबवेल) का जमीनी पानी भी मिश्रित किया जा रहा है। पिछले करीब दो सप्ताह से घरों में आ रहे पानी में नलकूप के जमीनी पानी की मात्रा बढ़ी है। इसे लेकर पूर्व पार्षद बनवारीलाल मोंगा, तेजा ङ्क्षसह, पूर्व पार्षद संतोष शर्मा, पवन सुखीजा व सुभाष छाबड़ा आदि लोगों ने बताया कि इन दिनों उनके घरों में आ रहे पानी का जायका अलग है। कई बार पीने के बावजूद प्यास नहीं बुझती। वहीं कब्ज, पेट दर्द, दस्त, गैस व अफारे संबंधी लक्षण नजर आ रहे हैं। महिलाओं ने बताया कि इस पानी से साबुन भी झाग नहीं देता। नहाने व कपड़े धोने में भी इस पानी का प्रयोग अनुपयुक्त है।

मौसम में बदलाव, स्वच्छता जरूरी

जानकारी अनुसार राजकीय चिकित्सालय (सीएचसी) पर भी प्रतिदिन करीब 70-80 मरीज पेट संबंधी रोगों के आ रहे हैं। इसे लेकर सीएचसी प्रभारी डॉ.नीरज अरोड़ा ने बताया कि गर्मी के मौसम में प्यास ज्यादा लगना और पेट संबंधी रोगियों की संख्या बढऩा सामान्य है। मौसम में बदलाव होने पर कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं। पेट संबंधी रोगों के बचाव के लिए खाने से पहले व बाद में हाथ धोना, बाजारों में खुले में पड़े भोजन से दूर रहना, घरों में पानी के भंडारण संबंधी सावधानी रखने के साथ स्वच्छता बेहद जरूरी है।

पानी की शुद्धता में कोई कमी नहीं…

नहरबंदी के चलते ट््यूबवेल का पानी मिश्रित कर जलापूर्ति की गई। इससे पानी के जायके में जरूर बदलाव आया है लेकिन शुद्धता में कोई कमी नहीं है। पानी को पूरी तरह फिल्टर व क्लोरीकरण करके ही सप्लाई किया जा रहा है। निर्धारित मापदंड 250 से 1000 टीडीएस तक का पानी पीने के लिए सुरक्षित है। आज बुधवार को नहर गई है। आगामी तीन-चार दिनों में नियमित व नहरी पानी की आपूर्ति होगी।
मोनिंदर जीत सिंह, एइएन जलदाय विभाग श्रीकरणपुर।

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