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सागर में 40 दिन की जरूरत का पानी बचा, मानसून आने में अभी समय

– नापतौल कर खर्च करें पानी, नगर निगम ने राजघाट पर फ्लोटिंग मोटर्स से पानी पहुंचाने की तैयारी की – राजघाट बांध से प्रतिदिन 4 सेंटीमीटर खर्च हो रहा पानी – पिछले वर्ष से बांध में 2.09 मीटर पानी कम – 509.25 मीटर दर्ज किया गया जलस्तर, बांध का डेड लेवल 507 मीटर सागर. शहर […]

सागरMay 14, 2024 / 08:19 pm

प्रवेंद्र तोमर

– नापतौल कर खर्च करें पानी, नगर निगम ने राजघाट पर फ्लोटिंग मोटर्स से पानी पहुंचाने की तैयारी की

– राजघाट बांध से प्रतिदिन 4 सेंटीमीटर खर्च हो रहा पानी

– पिछले वर्ष से बांध में 2.09 मीटर पानी कम
– 509.25 मीटर दर्ज किया गया जलस्तर, बांध का डेड लेवल 507 मीटर

सागर. शहर जलसंकट की दहलीज पर पहुंचने वाला है। राजघाट बांध पेयजल परियोजना में पिछले वर्ष की तुलना में इस बार 2.09 मीटर पानी कम है। पिछले वर्ष बांध का जलस्तर 511.34 मीटर था, जिसमें बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। शुक्रवार को बांध का जलस्तर 509.25 मीटर दर्ज किया गया। बांध में डेड स्टोरेज तक पहुंचने के लिए 209 सेंटीमीटर पानी बचा है, जिससे करीब 40 दिन ही सप्लाई की जा सकती है। गर्मी के मौसम में अप्रेल से जून तक के महीने में बांध से प्रतिदिन औसतन 4 से 5 सेंटीमीटर पानी खर्च होता है। ऐसे में यदि नगर निगम प्रशासन ने पानी प्रबंधन पर तत्काल ही काम शुरू नहीं किया तो जून के दूसरे सप्ताह से शहर में पेयजल संकट गहरा सकता है।
ऐसे समझें पानी का गणित

राजघाट का बांध का डेड स्टोरेज 507 मीटर पर है, जबकि बांध में स्थित नदी का डेड लेवल 506 मीटर है। बांध में 507 मीटर से नीचे जलस्तर पहुंचने पर पानी का नदी से लिफ्ट कर इंटकवेल पंपहाउस तक पहुंचाना पड़ता है। 2016 में हुए जलसंकट के दौरान पानी लिफ्ट करना पड़ा था। शहर में एक-एक दिन छोड़कर सप्लाई की जाती है, फिर भी बांध से गर्मी के कारण वाष्पीकरण, किसानों द्वारा पानी उठाव के कारण प्रतिदिन औसतन 4 से 5 सेंटीमीटर पानी खर्च होता है।
509 मीटर की पाइपलाइन से दूर पहुंचा पानी

जनवरी के बाद से बांध में ग्राउंड लेवल पर दो पाइपलाइन बिछी हुई हैं, जिसमें 509 और 507 मीटर की पाइपलाइन शामिल है। 509 मीटर की पाइपलाइन से बांध में पानी दूर पहुंच गया है और अब 507 मीटर की पाइपलाइन के जरिए ही शहर में जलापूर्ति की जाएगी। इस पाइपलाइन का इनलेट (पाइपलाइन का मुंह) फिलहाल पानी में डूबा हुआ है।
चैम्बरों में डले पाइप भी दिखने लगे

वर्ष-2016 के जलसंकट के दौरान 507 मीटर की पाइपलाइन के चैम्बरों में पाइप डालकर पानी को लिफ्ट किया गया था, वे पाइप भी अब पानी से बाहर आ गए हैं। विशेषज्ञों की माने तो पानी प्रबंधन पर काम नहीं किया गया तो जून के दूसरे सप्ताह से निगम प्रशासन को हर हाल में पानी लिफ्ट करना पड़ सकता है।
इसलिए शहर में अघोषित कटौती शुरू

राजघाट का जलस्तर गिरने के कारण ही निगम प्रशासन ने जल सप्लाई को लेकर अघोषित कटौती शुरू कर दी है। वल्लभनगर, एकता कॉलोनी समेत अन्य इलाकों में तीन दिन से नल नहीं खुले। निगम के जिम्मेदार इसके पीछे तकनीकी कारण बता रहे हैं, लेकिन हकीकत यही है कि बांध में जलस्तर कम होने के कारण अघोषित कटौती शुरू की गई है।
फैक्ट फाइल

वर्ष जलस्तर मीटर में

2023 511.34

2024 509.25

एक्सपर्ट व्यू: अलर्ट मोड पर रहना चाहिए

राजघाट में मई में 511 मीटर से नीचे जलस्तर पहुंचने के बाद नगर निगम प्रशासन को अलर्ट मोड पर रहना चाहिए। पानी का अपव्यय रोकना चाहिए। सप्लाई के समय में भी जनता को बताकर कटौती करनी चाहिए, ताकि वे भी पानी के महत्व को समझें। जून के पहले सप्ताह में बांध से पानी लिफ्ट करने की जरुरतपड़ेगी या नहीं, यह बात स्पष्ट हो जाएगी, लेकिन प्रयास सही दिशा में हुए तो इस समस्या से बच सकते हैं। 2016 में सागर को तत्कालीन मंत्री भूपेंद्र सिंह के सहयोग से तीन मड पंप उज्जैन से मिले थे, जो जरुरतपडऩे पर काम आ सकते हैं। – अभय दरे, पूर्व महापौर
इस पर फोकस कर रहे हैं

राजघाट में पानी कम हो गया है। यह वाकई में चिंता की बात है। जल संरक्षण को लेकर निगम प्रशासन प्लानिंग तैयार कर रहा है। शहरवासियों से भी अपील है कि वे पानी का अपव्यय रोकें, ताकि मानसून आने तक जलसंकट की स्थिति से निपटा जा सके।
– राजकुमार खत्री, निगमायुक्त सह ईडी, एसएससीएल

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