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अलवर

फाल्गुन में सावन की झड़ी

शनिवार रात से चल रही बरसात से फाल्गुन
माह में सावन की झड़ी लग गई है

अलवरMar 02, 2015 / 05:11 pm

कमल राजपूत

अलवर। शनिवार रात से चल रही बरसात से फाल्गुन माह में सावन की झड़ी लग गई है। बरसात से किसानों की चिंता भी बढ़ गई है। शनिवार रात को 8 बजे और फिर 10 बजे हल्की बूंदाबादी हुई। रात को 1 बजे बाद कई बार बरसात तेज आवाज के साथ आती और बंद हो जाती। पूरी रात कई बार बरसात झटके के साथ आने और बंद होने का सिलसिला चलता रहा। रविवार सुबह की शुरूआत भी बरसात की बूंदों के साथ हुई। दिन भर कई बार तेज बरसात आती रही लेकिन बरसात जम नहीं पाई। शाम साढ़े पांच बजे बाद शहर में बिजली चमकने की आवाज के साथ आई बरसात जम गई।

रविवार शाम को एक घंटे से अधिक समय तक आई इस तेज बरसात से शहर में सड़कों पर पानी जमा हो गया। इस बरसात से शहर थम सा गया। बरसात और मौसम में आए बदलाव से फिर सर्दी का अहसास होने लगा है। शनिवार रात से आ रही बरसात के कारण रविवार को अधिकतम तापमान 10 डिग्री कम हो गया। शनिवार को अधिकतम तापमान 28 डिग्री था जो रविवार को 18 डिग्री पर ही थम गया। जबकि न्यूनतम तापमान 14 से 11 डिग्री पर आ गया।

बहरोड़
बेमौसम हो रही बरसात किसानों की बर्बादी का कारण बन रही है। शनिवार देर रात से शुरू हुआ बारसात का दौरा रविवार रात तक जारी रहा। बारसात से एक और जहां पक कर तैयार खड़ी सरसों की फसल की लिए यह बारिश किसान के मुहं से निवाला छीनने का प्रयास ही, वहीं गेहूं की फसल के लिए बारिश के साथ चला तेज हवा का दौर भारी नुकसान लेकर आया। इस बारिश से जिले में प्रमुख रूप से होने वाले दोनों फसलों को भारी नुकसान होने का अंदेशा है। यही हाल यदि एक-दो दिन और रहा तो किसान तो बर्बाद हो जाएगा।

शनिवार को देर रात व रविवार को हुई बारिश से मौसम एकदम बदल गया। फरवरी माह के मध्य में शुरू हुआ सर्दी लौटने का दौर बारिश के कारण थम गया और एक बार फिर से सर्दी आ गई। बेमौसम की बारिश के कारण खेतों में पककर तैयार खड़ी सरसों की फसल सहित गेंहू फसल तेज हवा एवं बारिश के कारण आड़ी-तिरछी होकर लेट गई। इससे किसानों को भारी नुकसान होने का अंदेशा है। बारिश से खेतों में टमाटर, मिर्च, बेर, चना में भी नुकसान हुआ।

इस सम्बन्ध में ग्राम खेड़की के किसान रामनिवास नम्बरदार एवं शिमला निवासी हनुमान प्रसाद ने बताया कि गेंहू में फसल के गिरने से अब फसल नहीं पकेगी। वहीं सब्जी की फसल में फूल बन रहे थे तो बेर कच्चे ही झड़ गए। बारिश से आम रास्तों में पानी भर गया, जिससे आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ा। यही हाल कस्बे में हाइवे के पानी की निकासी नहीं होने कारण कई जगह पानी भरने भरने से गड्ढ़े बन गए, जिससे दुपहिया एवं कार चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा। रविवार का दिन होने के कारण लोगों ने घरों में ही छुट्टी का आनन्द लिया।

भिवाड़ी
भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र में दिनभर धीरे-धीरे बरसात का दौर जारी रहा। रात में बारिश तेज हो गई। बरसात के कारण रविवार को लोग घरों से बहार नहीं निकल, जिसका असर बाजार पर रहा। दिन भर बाजार सूने रहे। रविवार होने के कारण लोगों ने घरों में ही चाट पकोड़ी के आनन्द लिया।

मुण्डावर
कस्बे व आस-पास गांवों में सुबह से हो रही लगातार बारिश से लोगों को घरों में रहने को मजबूर कर दिया। कस्बे के बस स्टेण्ड पर पानी भर जाने से लोगों को आवागमन में असुविधा हुई। करनीकोट के अभय सिंह का कहना है कि वर्षा से गेहूं व सरसों की पछेती फसल में लगा चेंपा रोग धुल जाएगा। जिन्दौली के कृषक मनोज प्रजापत का कहना है कि लगातार वर्षा के साथ आ रही तेज हवाओं से खड़ी सरसों व गेहूं की फसल गिर गई है, जो नुकसानदायक है।

किशनगढ़बास
कस्बे में रविवार को पूरे दिन रूक-रूक कर बारिश होती रही। दोपहर करीब दो बजे हुई तेज बारिश के साथ करीब दस मिनट चने के आकार के ओले भी गिरे। कस्बे में गंज रोड़ बतरा कॉलोनी, चर्च कॉलोनी, विकास कॉलोनी सहित कई कॉलोनियों में पानी भर गया। गांवों में तेज हवा के साथ हुई बारिश से गेहूं व सरसों की फसल भी गिर गई। इससे फसलों में काफी नुकसान हुआ। इससे किसान वर्ग भी चिंतित हो गया।

खैरथल
खैरथल क्षेत्र में शनिवार शाम को शुरू हुई रिमझिम के बाद रविवार को जमकर बरसात हुई। इससे जनजीवन प्रभावित हुआ तथा नाली-नालों के लबालब भरने से निचले इलाकों में घरों में पानी घुस गया। कस्बे के रेल अण्डर पास में पानी भर जाने से यातायात बन्द हो गया। खेतों में भी पानी भर गया।

सकट
कस्बे सहित क्षेत्र में शनिवार रात और रविवार को दिन में कई बार बारिश हुई। इससे कहीं फसल को फायदा हुआ तो कहीं हवा के कारण खेत में फसल के गिरने से नुकसान हुआ।

राजगढ़
क्षेत्र में शनिवार रात से तेज हवाएं और रूक-रूक कर बारिश होने से खेतों में खड़ी गेहंू, जौ एवं सरसों की फसल लेट गई। कुण्डला के सरपंच मानसिंह मीणा सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि कुण्डला, नरवास, कुच्या, देवती, खेडली, रामसिंहपुरा, माचाड़ी, पाटन, ईशवाना, राजपुर छोटा, छिलोडी, इन्दपुरा, कालीपहाडी, थानाराजाजी, दुब्बी, चितौस, धमरेड, बडला, पुराना राजगढ़ आदि गांवों में फसल गिर गई है। गेहूं की फसल को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा।

क्षेत्र में रविवार शाम करीब आधा घण्टे तेज बारिश होने के कारण सड़कों पर पानी भर गया। कस्बे के स्टेशन रोड, तहसील मार्ग, आर्य समाज की गली, कुण्ड मौहल्ला आदि स्थानों पर नाले-नालियों का उफान आने से सड़क मार्गो पर गंदा पानी जमा हो गया। इससे लोगों को आवगमन में असुविधा हुई।

थानागाजी
क्षेत्र में शनिवार रात तेज हवा व बारिश के कारण गेहूं, जौ, सरसों की फसल में नुकसान होने की आशंका से किसान चिंतित हैं। रविवार को भी रूक-रूककर बारिश हुई। उधर, नारायणपुर क्षेत्र में भी तेज हवा व बारिश के कारण फसल गिरने से फसल को नुकसान हुआ है।

सोड़ावास
क्षेत्र में बारिश होने से लोगों को सर्दी का अहसास हुआ। तेज हवा चलने से खेत में खड़ी गेहूं की फसल गिर गई।

पिनान
अचानक बदले मौसम ने लोगों को एक बार फिर सर्दी का अहसास करा दिया। शनिवार रात्रि से हो रही बारिश से गेहूं की फसल पसर गई। रविवार को दिनभर बादल छाए रहे।

अलवर
टहला क्षेत्र में रविवार शाम को करीब आधा घंटा जमकर बारिश हुई। इससे सड़कों पर पानी बह निकला। बारिश ने सर्दी का अहसास कराया। शनिवार रात से कभी तेज तो कभी रूक-रूककर हो रही बारिश व हवा चलने से कई जगह खेतों में खड़ी फसल लेट गई।

डूमरोली
क्षेत्र में शनिवार शाम अचानक मौसम का मिजाज बदल गया और देर रात तेज हवा के साथ बारिश शुरू हो गई। रविवार को दिनभर रूक-रूककर बारिश होती रही। हवा से गेहूं व जौं की फसल खेतों में गिर गई। मौसम में बदलाव से लोगों को सर्दी का अहसास हुआ।

धारूहेड़ा
क्षेत्र में शनिवार रात और रविवार को लगातार 6 घंटे हुए बरसात ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीर खींच दी। सुबह से हो रही बारिश से गलियों में पानी भर गया। वहीं तेज हवा से खेतों में खड़ी फसल गिर गई।

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