मीना कुमारी को पैदा होते ही अनाथआश्रम में छोड़ गए थे पिता
दो बेटियों के बाद तीसरी बेटी होने पर मीना कुमारी के पिता उन्हें अनाथआश्रम छोड़ आएं
दर्शकों के बीच “ट्रेजडी क्वीन” के नाम से जानी जाने वाली मीना कुमारी का जन्म मुंबई में 01 अगस्त 1932 को एक मध्यम वर्गीय मुस्लिम परिवार में हुआ। दो बेटियों के बाद तीसरी बेटी होने पर उनके पिता अलीबख्श उन्हें अनाथआश्रम छोड़ आएं, हालांकि कुछ ही घंटों में वे उसे वापस भी ले आएं। उनका नाम महजबीं रखा गया।
अपनी इच्छा के खिलाफ मीना कुमारी को पिता के आदेश के चलते 7 साल की उम्र में ही फिल्मों में एक्टिंग करनी पड़ी। उन्होंने फिल्म “लेदरफेस” से शुरूआत की और उनका नाम बेबी मीना रखा गया। इसके बाद मीना ने “बच्चों का खेल” में बतौर अभिनेत्री काम किया। इस फिल्म में उन्हें मीना कुमारी का नाम दिया गया। मीना कुमारी को फिल्मों अभिनय करने के अलावा शेरो-शायरी का भी बेहद शौक था। इसके लिए वह नाज उपनाम का इस्तेमाल करती थी। मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही प्यार से उन्हें मंजू क हकर बुलाया करते थे।
वर्ष 1952 मे मीना कुमारी ने फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही के साथ शादी कर ली। वर्ष 1962 मीना कुमारी के करियर का अहम पड़ाव साबित हुआ। इस वर्ष उनकी ” आरती”, “मैं चुप रहूंगी” और “साहिब बीबी और गुलाम” जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई। इसके साथ ही इन फिल्मों के लिए वह सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के फिल्म फेयर पुरस्कार मिला। यह फिल्म फेयर के इतिहास मे पहला ऎसा मौका था जहां एक अभिनेत्री को फिल्म फेयर के तीन नॉमिनेशन मिले थे। वर्ष 1964 मे मीना कुमारी और कमाल अमरोही की विवाहित जिंदगी में दरार आ गई और वे अलग हो गए।
दोनों के जुदा होने के चलते कमाल अमरोही की फिल्म “पाकीजा” के निर्माण में लगभग चौदह वर्ष लग गए। कमाल अमरोही से अलग होने के बावजूद मीना कुमारी ने शूटिंग जारी रखी क्योंकि उनका मानना था कि “पाकीजा” जैसी फिल्मों में काम करने का मौका बार-बार नहीं मिल पाता है । मीना कुमारी को उनके बेहतरीन अभिनय के लिये चार बार फिल्म फेयर के सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से नवाजा गया है। ज्यादा शराब के चलते उनके के फेफड़े खराब हो गए और हिन्दी सिने जगत की महान अभिनेत्री मीना कुमारी 31 मार्च 1972 को सदा के लिये अलविदा कह गई।
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