लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव आझ यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में स्थापित किये जा रहे पतंजलि फूड एवं हर्बल पार्क प्राइवेट लिमिलेट नोएडा का शिलान्यास करेंगे। यह कार्यक्रम लोक भवन में आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में बाबा रामदेव के साथ-साथ मुलायम सिंह यादव भी मौजूद रहेंगे।
80,000 लोगों को मिलेगा रोजगार
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 455 एकड़ क्षेत्र में स्थापित किये जा रहे इस पार्क से प्रदेश में 1600 करोड़ रुपये का निवेश होगा। इसके कार्यशील होने के उपरान्त 8,000 लोगों को सीधे तौर पर रोजगार मिलेगा, जबकि लगभग 80,000 लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
पार्क से होंगे कई फायदे
इस पार्क के अन्तर्गत कृषि आधारित उत्पादों, खाद्य उत्पाद, हर्बल उत्पाद, पशु आहार दुग्ध उत्पाद एवं औषधीय उत्पाद की इकाइयां तथा रिसर्च एण्ड डेवलपमेण्ट सेण्टर की स्थापना की जाएगी। पार्क में स्थापित की गयी खाद्य प्रसंस्करण इकाई प्रतिदिन 400 टन फल एवं सब्ज़ियों का प्रसंस्करण करेगी, जबकि इसमें जैविक गेहूं का इस्तेमाल करते हुए प्रतिदिन 750 टन आटा भी तैयार किया जाएगा। इस पार्क की स्थापना से इस क्षेत्र की ऊसर एवं कम उपजाऊ जमीनों में ज्वार, बाजरा एवं मोटे अनाजों के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे किसानों की सकल आय में वृद्धि होगी।
बाजार की मुख्यधारा से जुड़ेंगे किसान
फूड पार्क की स्थापना से जहां एक ओर कृषि कार्य में विविधता आएगी, वहीं दूसरी ओर किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य भी मिलेगा। इसके साथ ही, युवाओं का कौशल विकास होगा और स्थानीय व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, खाद्य प्रसंस्करण की आधुनिक तकनीक से भी स्थानीय लोग वाकिफ होंगे। इसके अलावा, पब्लिक प्राईवेट पार्टनरशिप से सम्पूर्ण आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय किसानों को बाजार की मुख्यधारा से जोड़ना भी है।
नोएडा नहीं जाएंगे सीएम
यूपी के सीएम के लिए नोएडा से जुड़ा अंधविश्वास काफी अजीब-सा है। कहा जाता है कि बीते 25 साल में जब-जब कोई सीएम नोएडा गया, वो अगली बार सत्ता में नहीं लौट पाया। अखिलेश यादव को नोएडा जाने के कई मौके मिले, लेकिन वे नहीं गए। नोएडा के डेवलपमेंट प्रोग्राम का अनाउंसमेंट सीएम अब तक लखनऊ से ही करते आए हैं।
दादरी कांड के बाद भी सीएम नहीं गए नोएडा
दादरी कांड के बाद सियासत काफी गरमा गई थी। कई बड़े-बड़े नेता दादरी पहुंचकर अखलाक की फैमिली से मिल रहे थे, लेकिन सीएम अखिलेश नोएडा नहीं गए।
अखिलेश ने अंधविश्वास तोड़ने की कही थी बात
अखिलेश ने अप्रैल, 2015 में नोएडा की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी की नींव लखनऊ से ही रखी थी। इस मौके पर उन्होंने कहा था कि तमाम अंधविश्वासों के चलते नोएडा जाने पर पाबंदी है, लेकिन वे जल्द ही इसे तोड़ेंगे।
ये दोबारा नहीं बने सीएम
2011 में बीएसपी चीफ मायावती ने इस अंधविश्वास को तोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन वह 2012 विधानसभा चुनाव में हार गईं। वीर बहादुर सिंह, नारायण दत्त तिवारी, राम प्रकाश गुप्ता और कल्याण सिंह उस लिस्ट में शामिल हैं, जो नोएडा गए और अगली बार सीएम नहीं बन पाए। होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने सीएम रहते हुए दिल्ली से नोएडा में बने फ्लाईओवर का उद्घाटन किया था। 1995 में मुलायम सिंह यादव नोएडा गए और उसके बाद अगले चुनाव में उनकी पार्टी हार गई।
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