डीसीपी क्राइम अभिषेक सिंह ने बताया कि दिल्ली के लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल के डॉक्टर निशरत इमाम जरूरतमंदों के नाम पर अस्पताल और ठीक हो चुके संक्रमितों के पास बचे इंजेक्शन को एकत्र करके आरोपित हमजा और मुजिबुर्र रहमान के साथ मिलकर जरूरतमंद लोगों को 35 हजार रुपये में बेचता था। अब तक आरोपितों ने करीब 12 लोगों को इंजेक्शन बेचे हैं। हमजा और मुजीबुर्ररहमान गाजियाबाद के साहिबाबाद की पीर कालोनी के रहने वाले हैं।
उन्होंने बताया कि आरोपियों में एक मनी ट्रांसफर की दुकान चलाता है और दूसरा नोएडा की फार्मेसी में काम करता है। दोनों आरोपियों की मुलाकात डॉ. निशरत इमाम से उस समय हुई थी, जब वह अपने एक परिचित के लिए रेमडेसिवीर इंजेक्शन की तलाश कर रहे थे। डॉक्टर नुसरत के पास से पुलिस ने एक ब्रेजा कार में रखी रेमडेसिवीर 100 एमजी के 3 इंजेक्शन बरामद किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला है कि ये लोग कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क करते थे तथा उन्हें ऊंचे दाम पर रेमडेसिवीर इंजेक्शन बेचते थे। डॉ. निशरत इमाम ऐसे संक्रमितों के संपर्क में रहता था, जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं और अब उन्हें रेमडेसिवीर इंजेक्शन की जरूरत नहीं थी। उनसे डॉ. निशरत बाजार दर पर इंजेक्शन खरीदता था और फिर उसकी कालाबाजारी करता था। पूछताछ में तीनों ने बताया कि अब तक वे करीब 12 लोगों को 35 हजार रुपये की दर से इंजेक्शन बेच चुके हैं।