एडीसीपी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि जतिन उर्फ चीता के गिरोह ने 9 मई को महागुन मजारिया सोसाइटी के पास कलेक्शन एजेंट से लूटपाट की थी। चीता इस गैंग का मास्टरमाइड है। इसके गिरोह ने नोएडा के कलेक्शन एजेंट से 6 लाख 88 हजार रुपये की लूट की थी। पुलिस ने गिरोह के 5 सदस्यों को 16 मई 2022 को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किया था। इसमें दो साथियों मेहुरुद्दीन और मुकुल शर्मा को गोली लगी थी। तभी से पुलिस जतिन उर्फ चीता को गिरफ्तार करने के लिए दबिश दे रही थी। 27 मई को पुलिस उपायुक्त ने जतिन पर 25 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था।
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गरबा में मुस्लिमों की पिटाई पर सपा सांसद के बिगड़े बोल बड़ी घटना देना चाहता था अंजाम एडीसीपी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि जतिन उर्फ चीता को पकडने के लिए पुलिस टीम लगातार फिजिक्ली और सर्विलांस के माध्यम से नज़र रखे हुई थी। पुलिस को इनपुट मिला था कि जतिन किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए यहां रेकी करने आया हुआ है। इस दौरान पुलिस ने उसे घेर लिया। पुलिस ने जतिन को रुकने का इशारा किया तो वह फायरिंग कर जंगल की तरफ भागने लगा। पुलिस ने जवाबी करते हुए उसके पैर में गोली मारकर दबोच लिया।
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अपहरणकर्ता को एनकाउंटर में मार गिराने के बाद कमिश्नर ने बदमाशों को दी चेतावनी मुंबई में भी दे चुका है वारदात को अंजाम एडीसीपी ने बताया कि पुलिस को जतिन के पास से एक तमंचा, 10 हजार रुपए और गाजियाबाद से चोरी की गई बाइक बरामद की है। जतिन उर्फ चीता के खिलाफ नोएडा, मुंबई में भी लूट के मुकदमे दर्ज हैं। पिता और एक महिला इसकी लूटपाट में मदद करते थे।