बता दें कि सुहास एलवाई देश के पहले ऐसे आईएएस अफसर होंगे, जो 24 अगस्त से 5 सितंबर तक चलने वाले पैरालंपिक जैसे बडे़ मंच पर देश का प्रतिनिधित्व करते नजर आएंगे। डीएम सुहास एल वाई 2007 के बैच के आईएएस अफसर हैं और पिछले महीने ही उनका चयन टोक्यो पैरा ओलंपिक खेल के लिए हुआ था। उन्हें एसएल-3 (स्टैंडिंग लोअर) कैटेगिरी में इंटरनेशनल रैंकिंग तीन का फायदा मिला, जिसकी बदौलत वे पैरालंपिक खेलों में हिस्सा लेते नजर आएंगे। सुहास एलवाई दिन में डीएम की ड्यूटी निभाते हैं तो रात 10 बजते ही बैंडमिंटन कोर्ट पर पसीना बहाते हैं। इसके बाद वह जमकर अभ्यास करते हैं।
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स्नातक प्रथम वर्ष में प्रवेश के लिए आज से ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, जानिए पूरी प्रक्रिया अब मैं मानसिक रूप से तैयार डीएम सुभाष एलवाई ने बातचीत में बताया कि जैसे एक विद्यार्थी परीक्षा के अंतिम समय में रिवीजन करता है। उसी प्रकार उन्होंने भी अपने स्किल्स को डेवलप किया है। अब वह इसके लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार कर चुके हैं। टोक्यो में भारत का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिलना उनके सपने को साकार करने के समान है। सुभाष हलवाई बताते हैं कि उन्होंने आखिरी टूर्नामेंट ब्राजील ओपन पिछले साल ही जनवरी 2020 में और पेरू ओपन, फरवरी 2020 में खेला था। जिसमें वे गोल्ड जीतने में सफल रहे थे।
रोजाना रात 10 बजे से करते हैं प्रेक्टिस उन्होंने बताया कि पिछले प्रदर्शन के आधार पर ही उन्हें वर्ल्ड में तीन नंबर रैंकिंग मिली है। उन्होंने बताया कि इससे पहले वह चीन में 2016 के पैरा एशियन बैडमिंटन चैंपियनशिप में गोल्ड जीत चुके हैं। जकार्ता 2018 में इंडोनेशिया में एशियन गेम्स में ब्राउन मेडल जीता था। वह मानते हैं कि कोरोना काल का दौर एक कठिन दौर था। उस दौरान उन पर जिले की भारी जिम्मेदारियां थीं। इसके बावजूद में देर रात नियमित रूप से 2 घंटे का अभ्यास करते थे। अभी उनका यही रुटीन है। वह प्रतिदिन रात के 10 बजे स्टेडियम पहुंच जाते हैं और दो घंटे तक प्रैक्टिस करते हैं।