1- काले तिलः श्राद्ध पक्ष में काले तिल दान करने का विशेष महत्व है। काले तिल दान सीधे पितरों को प्राप्त होता है। मान्यता है कि काले तिल के दान पितृ प्रसन्न होते हैं, जिससे घर में सुख समृद्धि आती है।
2- भूमिः पंडित जी बताते हैं कि शास्त्रों में भूमि का दान सबसे बड़ा दान होता है। इस दान से अनजाने में हुए पापों से भी मुक्ति मिल जाती है। भूमि के दान से अक्षय पुण्य प्राप्त होता है। इससे मान-सम्मान व संपत्ति में बढ़ोतरी होती है।
3- चांदीः शास्त्रों में पितरों का निवास चंद्रमा के ऊपर बताया जाता है। पितरों को चांदी से बनी चीजें प्रिय होती हैं। श्राद्ध पक्ष में चांदी के दान से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
4- वस्त्रः पंडित चंद्रशेखर कहते हैं कि पूर्वज भी मौसम के परिवर्तन से प्रभावित होते हैं। उन्हें भी सर्दी-गर्मी लगती है। इसलिए उनके नाम से वस्त्रों का दान करना चाहिए। वह कहते हैं कि जो भी व्यक्ति पितरों के नाम से वस्त्र दान करता है, उस पर पितरों की कृपा बनी रहती है।
5- गुड़ नमकः पंडित जी बताते हैं कि जिन परिवारों में विवाद और आर्थिक परेशानी रहती है। उन्हें पितरों के नाम से गुड़ व नमक का दान जरूर करना चाहिए। 6- जूते चप्पलः श्राद्ध में पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए जूते-चप्पल अवश्य दान करने चाहिएं। जरूरतमंदों को जूते-चप्पल दान करने से परिवार की आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं।
7- छतरीः श्राद्ध में छतरी दान का भी विशेष महत्व है। इससे परिवार में सुख-शांति आती है। छतरी के दान से पूर्वज प्रसन्न होते हैं।