बता दें कि महापंचायत में लोगों ने यहां बन रहे डंपिंग ग्राउंड का पुरजोर तरीके से विरोध किया और कहा की डंपिंग ग्राउंड को यहां किसी भी कीमत पर नहीं बनने दिया जाएगा। लोगों का कहना है कि नोएडा प्राधिकरण अपनी जिद पर अड़ा हुआ हैं और यहां पर रहने वाली लाखों की जनता के जीवन के साथ खिलवाड कर रहा है। इस दौरान प्रदर्शनकारी महेश का कहना था कि आखिर प्राधिकरण यहां डंपिंग ग्राउंड बनाकर हम लोगों के जीवन से खिलवाड क्यों कर रहा है।
इस महापंचायत में लोगों का जनप्रतिनिधि के किलाफ भी काफी रोष दिखने को मिला और लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि फैसला नहीं बदला गया तो आगामी 2019 में होने वाले चुनाव का खामियाजा केंद्र सरकार को भुगतना पड़ेगा।
वहीं महापंचायत में महात्मा गांधी वेशभूषा में प्रदर्शन करने पहुंचे एसपी सिंह का कहना था की ये वेशभूषा उन्होंने संदेश देने के लिए धारण की है। उनका विरोध शांतिपूर्ण है। उनका ये भी कहना है कि डंपिंग ग्राउंड बने लेकिन शहर के बीच नहीं।
विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन, सरकार द्वारा दिए जा रहे आश्वासन झूठे हैं। प्राधिकरण तानाशाह बना हुआ है। वह सिर्फ शहर को कचरे के ढेर में तब्दील करना चाहता है। अधिकारी तो तबादला लेकर यहां से चले जाएंगे। लेकिन हमें यहां जीवन भर रहना है। ऐसे में यहां फेंके जाने वाले कूड़े से संक्रमण व बीमारियों की खतरा रहेगा। यह बीमारी हमारे बच्चों को लग सकती है। भविष्य के लिए यहां हम डंपिंग ग्राउंड नहीं बनने देंगे।
महापंचायत में लोगों की भारी संख्या को देखते हुए प्रशासन ने शांति व्यवस्था और सुरक्षा की दृष्टि से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया। इस दौरन जिले की सात थानों के कोतवाल और पुलिस बल, पुलिस लाइन के जवान और पीएसी के 300 जवान तैनात किए गए। इसके साथ ही उपद्रवी लोगों को चिन्हित करने के साथ 50 लोगों को बॉन्ड डाउन किया गया और कुछ लोगों जेल भी भेजा गया है।