स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की 22.5 करोड़ की जनसंख्या के अनुपात में अस्पताल नहीं हैं। ऐसे में कमियां और खामियां तो रहेंगी ही। उनके निरीक्षण का मकसद उपलब्ध व्यवस्थाओं में अस्पताल की कमियों को दूर करना है। उन्होंने माना कि प्रदेश में डाक्टरों का अभाव है। फिलहाल प्रदेश में 11 हजार डाक्टर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हर वर्ष लगभग चार हजार एमबीबीएस डाक्टर निकल रहे हैं। उनका प्रयास है कि उन्हें पढ़ाई पूरी होने के बाद दो वर्ष तक प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
जिला अस्पताल को नये भवन में शिफ्ट करने के बाबत स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि संभवत: उस अस्पताल को दिल्ली के एम्स से कनेक्ट करने की योजना पर काम हो रहा है। इसलिए इस बारे में अभी कुछ कहना ठीक नहीं है कि नये भवन में जिला अस्पताल कब शिफ्ट होगा। उन्होंने कहा कि नोएडा के विधायक पंकज सिंह का उस बारे में कुछ सुझाव हैं। उस पर चर्चा के बाद ही कोई अंतिम फैसला किया जाएगा।
अपनी नौकरी जाने से चिंतित दो दिनों से हड़ताल पर बैठे 91 आउट सोर्सिंग कर्मचारियों के बाबत स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि उन्होंने हड़ताली कर्मचारियों से बातचीत की है। उनका नियोजन एक योजना के तहत चार वर्ष पहले किया गया था। अब उनका अनुबंध 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है। इस बाबत उन्हें नोटिस दिया गया है। लेकिन, फिलहाल उन्होंने उनकी सेवा अनुबंध को 31 अक्टूबर तक बढ़ा दिया है। अब विभाग के प्रमुख सचिव के साथ बैठकर चर्चा की जाएगी। उन्होंने भरोसा दिया कि एक नई योजना लाई जाएगी, जिसमें इन कर्मचारियों को समायोजित किया जाएगा।