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प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं शिक्षा रजनीश दुबे ने बताया कि समीक्षा के बाद पाया गया की चाइल्ड पीजीआई मे वेंटिलेटर की संख्या कम है। इससे यहां आने वाले मरीजों को असुविधा हो रही है। इसके अलावा ओटी की भी संख्या यहां आने वाले मरीजों की संख्या के लिहाज से बेहद कम है। दुबे ने बताया कि उन्होंने चाइल्ड पीजीआई के डायरेक्टर डीके सिंह को इस बाबत प्रस्ताव तैयार कर भेजने के निर्देश दिए हैं। यह भी पढ़ें
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प्रमुख सचिव ने बताया कि चाइल्ड पीजीआई में आने वाले मरीजों से पंजीकरण शुल्क 250 रुपये लिया जाता है, यह अधिक है। इसलिए यहां मरीजों की संख्या कम हो रही है। उन्होंने बताया कि सितंबर से पंजीकरण शुल्क सिर्फ 100 लिया जाएगा। उनका मकसद चाइल्ड पीजीआई में आने वाले मरीजों को सस्ता और बेहतर इलाज उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि पंजीकरण शुल्क अधिक होने की जानकारी गौतमबुद्ध नगर के सीएमओ डॉ. अनुराग भार्गव ने दी थी। सीएमओ के सुझाव पर ही पंजीकरण शुल्क में कमी का फैसला किया गया है। रजनीश दुबे ने चाइल्ड पीजीआई की ओपीडी और आईपीडी के निरीक्षण के दौरान अव्यवस्था और मरीजों की कम संख्या को देखकर नाराजगी जताई। उन्होंने अधिकारियों को व्यवस्था सुधारने की हिदायत दी। UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar Pradesh Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..