जानकारी के लिए बता दें कि गत 13 जून को ठोस कचरा प्रबंधन समिति के चेयरमैन जस्टिस डी.पी सिंह ने नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ शहर की साफ-सफाई, पर्यावरण संरक्षण, भू-जल दोहन, सीवर ट्रीटमेंट प्लांट का आदि का निरीक्षण किया था। इस दौरान शहर के शॉपिंग मॉल का भी निरीक्षण किया गया।
इस दौरान वह डीएलएफ मॉल का निरीक्षण किया गया था। यहां पर मॉल में 800 किलोलीटर प्रतिदिन सीवर ट्रीटमेंट वाटर का इस्तेमाल पाया गया। वहीं जो सीवर का पानी का डिस्चार्ज हो रहा था, उसका मानक बहुत खराब था। इसके साथ ही एसटीपी के पानी का इस्तेमाल कूलिंग, फ्लैस, उद्यान में किया जा रहा था और लॉग बुक भी नहीं थी। बिजली का सब मीटर भी एसटीपी के लिए नहीं लगाया गया था। जिसके चलते डीएलएफ पर एक अप्रैल, 2018 से 13 जून, 2019 तक प्रतिदिन 25 हजार रुपये के हिसाब से कुल 1,08,2500 रुपये जुर्माना लगाया गया है।
इसी दौरान सेक्टर-63 स्थित मेसर्स हल्दीराम स्नैक्स प्राइवेट लिमिटेड का भी निरीक्षण किया गया। इसके साथ ही केंद्रीय भू-जल प्राधिकरण की एनओसी के बिना भू-जल दोहन पाया गया। मौके पर जिसमें 180 क्यूबिक मीटर प्रतिदिन इस्तेमाल हो रहा था। मौके पर गीला और सूखा कचरा रखने के लिए अलग-अलग इंतजाम भी नहीं थे। इस पर एक अप्रैल 2018 से 13 जून 2019 तक 10 हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 43,30,000 रुपये जुर्माना लगाया गया।