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Unlock होते ही फिर पटरी पर आई मेट्रो, इन शर्तों के साथ सफर कर सकेंगे यात्री उल्लेखनीय है कि यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण (Yamuna Industrial Development Authority) ने सेक्टर-21 में फिल्म सिटी के लिए एक हजार एकड़ जमीन प्रस्तावित की है। इस जमीन पर 780 एकड़ में फिल्म सिटी और 220 एकड़ जमीन कमर्शियल गतिविधि के लिए है। ज्ञात हो कि अमेेरिका की कोल्डवेल बैंकर्स रिचर्ड एलिस कंपनी (सीबीआरई) को फिल्मी सिटी की फिजिबिलिटी ओर परियोजना रिपोर्ट बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। पांच हजार करोड़ रुपए की लागत में बनने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ के इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए हैदराबाद स्थित रामोजी फिल्म सिटी और आयरलैंड की फिल्म सिटी का अध्ययन किया गया है। सीबीआरई ने रिपोर्ट में मथुरा-वृंदावन के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को देखते हुए रिपोर्ट तैयार की है।
अधिसूचना जारी होने से पहले शिलान्यास की तैयारी बता दें कि सीबीआरई ने 8 जून को अपनी रिपोर्ट यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण को सौंपी थी। वहीं प्राधिकरण ने अध्ययन के बाद शाम के समय रिपोर्ट प्रदेश सरकार को भेज दी। अब सरकार से अनुमति मिलने के बाद रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल तैयार किया जाएगा, जिसे सीबीआरई कंपनी ही तैयार करेगी। उसके बाद ग्लोबल टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। कंपनी का चयन होते ही नवंबर में शिलान्यास किया जाएगा। बताया जा रहा है कि फिल्म सिटी को दो चरणों में बनाया जाएगा। पहला चरण नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ ही 2024 में पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। क्योंकि इसके बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है।
आय में भागीदार बनेंगे प्राधिकरण और प्रदेश सरकार बताया जा रहा है कि सीबीआरई कंपनी ने फिल्म सिटी को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए फिजिबिलिटी रिपोर्ट में तीन मॉडल का सुझाव दिया है। उसी आधार पर बिड में कंपनी का चयन कर इसे बनाया जाएगा। फिल्म सिटी से होने वाली आय में प्रदेश सरकार और प्राधिकरण की हिस्सेदारी होगी। पहले सुझाव के अनुसार, विकास करने वाली कंपनी तय राशि प्राधिकरण और सरकार को देगी। दूसरे सुझाव के अनुसार, राजस्व में हिस्सा दिया जाए और तीसरा सुझाव कुछ हिस्सा पहले से तय हो और कुछ सालाना मिलने वाले राजस्व में से दिया जाए। प्रदेश सरकार और विकास करने वाली कंपनी इनमें से एक मॉडल पर काम करेगी।
सीईओ बोले- अक्टूबर तक पूरी होगी कागजी कार्रवाई प्राधिकरण सीईओ ने बताया कि कंपनी ने फिजिबिलिटी रिपोर्ट यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण को सौंप दी है, जिसे उत्तर प्रदेश सरकार के पास भेज दिया गया है। वहां से आदेश मिलते ही बिड प्रक्रिया के दस्तावेज कराते हुए जारी किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया को अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।