जांच एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो वेस्ट यूपी में वर्तमान में 10 आतंकी संगठन सक्रिय हैं। इनमें सहारनपुर, शामली, अमरोहा, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, हापुड़, मेरठ, आगरा और मथुरा, शामिल हैं। हालांकि इसकी अभी पुष्टि नहीं की गई है। बताया जा रहा है कि इसके लिए जांच एजेंसियों ने इन आतंकियों सगंठनों से जुड़े लोगों की कुंडली खंगालनी भी शुरू कर दी है और पिछले दस वर्ष का ब्यौरा इकट्ठा किया जा रहा है।
ये हैं संभावित सक्रिय आतंकी संगठन जानकारी के मुताबिक जिनकी दस वर्ष की कुंडली जांच एजेंसियां खंगाल रही हैं उनमें मेरठ में सलमान, मुजफ्फरनगर में हाफिज, शहजाद और इकबाल, मुरादाबाद में मो. हनीफ, आगरा में सालार प्रमुख रूप से शामिल हैं। वहीं वेस्ट यूपी में अलकायदा, लश्कर-ए-तैयबा, हूजी, आईएसआईएस, सिमी आदि के सक्रिय होने की जानकारी जांच एजेंसियों को मिली हैं। जिनकी जांच की जा रही हैं।
आंतकियों का गढ़ बने वेस्ट यूपी के जिले मुजफ्फरनगर: जनपद के बुढ़ाना क्षेत्र के गांव जौला से आतंकी संगठन जैश-ए मोहम्मद का कमांडर मोहम्मद वारिस गिरफ्तार हुआ था। वहीं अटारी बार्डर पर हेरोइन के साथ कांधला निवासी साबिर और नसीरन पकड़े गए थे, जबकि आठ वर्ष पूर्व महलकी निवासी नेत्रहीन कारी सलीम को गिरफ्तार किया गया था।
मेरठ : मेरठी की रूबी और पाकिस्तानी असद को 26 जनवरी, 2010 को रुड़की (हरिद्वार) में गिरफ्तार किया गया था। यहां असद नाम बदलकर रह रहा था और अपना पासपोर्ट भी बनवाया। ये दोनों आइएसआइ एजेंट बताए गए थे। वहीं 11 जनवरी 2010 को ही आबूलेन में आइएसआइ एजेंट नासिर गिरफ्तार हुआ था। 12 सितंबर, 2009 को कानपुर में पकड़े आईएसआई एजेंट इम्तियाज, 10 जनवरी 2009 को कैंट से गिरफ्तार किए गए आईएसआई एजेंट अमीर अहमद, 2 जून 2011 को रुड़की में पकड़ा गया मेरठ निवासी आइएसआइ एजेंट फुरकान अहमद उर्फ अजय ने अपना कनेक्शन मेरठ से होने का खुलासा किया था। अजय ने ही पूछताछ में खुलासा किया था कि जयपुर सीरियल ब्लास्ट में शामिल शमीम बागपत के किरठल का निवासी था और वह एक हूजी का कमांडर है।
सहारनपुर: जनपद में शाहिद इकबाल भट्टी उर्फ देवराज सहगल पटियाला को पकड़ा गया था। यहां उसने जन्म प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया था। इसके अलावा दो कश्मीरी छात्र भी पकड़े गए थे, जो चार महीना पहले ही मेरठ जेल से सजा पूरी होने के बाद छूट गए। वहीं अयोध्या में आतंकी हमले की साजिश से जुड़ा एक आरोपी डाक्टर सहारनपुर के तीतरो से गिरफ्तार हुआ।
शामली: 2005 में पांच किलो आरडीएक्स और अत्याधुनिक असलहों के साथ एसटीएफ ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जो जम्मू कश्मीर के निवासी थे। कैराना निवासी इकबाल काना और दिलशाद मिर्जा पाकिस्तान में रहकर नकली नोटों के नेटवर्क संचालित कर रहे थे, जिन्हें गिरफ्तार किया गया। वहीं गठरी उद्योग के जरिये समझौता एक्सप्रेस से कैराना पहुंची 40 पिस्टल बरामद हुई थी।
बिजनौर: हाल ही में एनआईए और एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए जनपद निवासी दो युवक आतंकी संगठन हूजी के लिए काम कर रहे थे। इन दोनों को बिजनौर से मुकीम और नासिर को गिरफ्तार किया गया है।
हापुड़: जनपद में पिलखुवा निवासी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही हापुड़ से ही चार और आतंकी गिरफ्तार हुए थे, जिन पर पोटा भी लगा था।