यहां बता दें कि योगेश मिश्रा ने 12वीं तक पढ़ाई गांव में रहकर ही पूरी की। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद के मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान से बीटेक किया। बीटेक करने के बाद प्रतापगढ़ जिले की लालगंज तहसील के रहने वाले इसके बाद योगेश मिश्रा नोएडा आ गए आैर यहां उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद काफी समय तक नौकरी की। इसी बीच उनकी दो बहनें दिल्ली में रहकर आर्इएएस की तैयारी कर रही थीं, लेकिन इसमें उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। इसी दौरान रक्षाबंधन पर जब योगेश मिश्रा अपनी बहनों के पास राखी बंधवाने पहुंचे तो बहनों का मायूस चेहरा देखकर बहुत दुखी हुए। उन्होंने बहनों को साहस बंधाते हुए कहा कि हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। इसलिए निरंतर प्रयास करते रहो। जब वे घर लौटे तो काफी मंथन के बाद उन्होंने तय किया कि पहले वे खुद आर्इएएस अधिकारी बनेंगे। इसके बाद अपनी बहनों को प्रेरित करेंगे आैर अपने अथक प्रयास के चलते उन्होंने 2013 में आईएएस परीक्षा पास कर ली।
खुद आर्इएएस बनने के बाद योगेश मिश्रा की असल परीक्षा शुरू हुर्इ। उन्होंने अपने सपने को साकार करने के लिए भार्इ-बहनों से भी जी-तोड़ मेहनत करार्इ। इसी का नतीजा है कि उनकी एक बहन क्षमा आर्इपीएस अधिकारी हैं तो एक बहन माधवी आर्इएएस आैर एक छोटा भार्इ भी आर्इएएस है। वहीं आर्इएएस योगेश मिश्रा आज कोलकाता में राष्ट्रीय तोप एवं गोला निर्माण में प्रशासनिक अधिकारी हैं।
यहां बता दें क्षमा ने मुरादाबाद स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर पुलिस अकादमी में ही डिप्टी एसपी का प्रशिक्षण लिया है। क्षमा शर्मा को 2016 में यूपीएससी में अपने चौथे प्रयास में आॅल इंडिया 172वीं रैंक मिली थी। वहीं छोटे भाई लोकेश मिश्रा को भी 2016 में ही 44वीं रैंक मिली थी। वहीं माधुरी मिश्रा 2014 में आईएएस बनी थीं।