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नोएडा

यमुना में हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया 40 लाख क्यूसेक पानी, जलस्तर बढ़ने दर्जनभर गांवों में हड़कंप

तेज बारिश और हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से 40 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर अचानक बढ़ा, यमुना के किनारे रहने वाले किसानों की चिंता बढ़ी।

नोएडाAug 01, 2021 / 12:43 pm

lokesh verma

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नोएडा. सावन की दस्तक के साथ ही नोएडा में झमाझम बारिश का दौर जारी है। सावन की झड़ी ने नोएडा वासियों को भीषण गर्मी और उमस से राहत दिलाई है। वहीं तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले एक सप्ताह तक बारिश का दौर यूं ही जारी रहने का अनुमान है। तेज बारिश और हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से 40 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर अचानक बढ़ने लगा है, जिसको लेकर यमुना के किनारे रहने किसान को अपनी फसल बर्बाद होने की चिंता सता रही है। इसके साथ ही यमुना से सटे दर्जनभर गांवों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
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सावन की झड़ी के कारण नोएडा और ग्रेटर नोएडा शहर की आबोहवा बदली-बदली से नजर आ रही है। रुक-रुककर लगातार हो रही बारिश से पेड़-पौधों से धूल की परत हट गई है तो हरियाली आंखों को सुकून दे रही है। लोग वायु प्रदूषण कम होने के कारण खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं। शहर के पर्यावरण को भी बारिश का वरदान मिला है और वर्षों बाद एयर क्वालिटी इंडेक्स का ग्राफ 50 से नीचे पहुंच गया है।
बांध ठीक करने का काम शुरू

जहां एक तरफ बारिश ने नोएडा वासियों को सुकून दिया है, वहीं तेज बारिश के कारण यमुना का जलस्तर अचानक बढ़ने लगा है। इसके साथ हरियाणा के हथिनी कुंड से 40 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह पानी जिले में पहुंचने लगा है। इसको लेकर यमुना के किनारे बसे गांव में दहशत का माहौल है। जेवर के झुप्पा बॉर्डर, कानी गढ़ी, गोविंदगढ़, मेहंदीपुर, छातंगा, जेवर खादर, सिरसा माचीपुर, रामपुर बांगर की सीमा पर बने बांध को ठीक करने के लिए मजदूरों को लगाया गया है, ताकि हथिनी कुंड से छोड़ा गया पानी गांवों में न घुस सके।
हजारों बीघा फसल जलमग्न होने का खतरा

यमुना के किनारे रहने किसानों का कहना है कि हथिनी कुंड से छोड़े जाने वाले पानी से हर वर्ष सीमावर्ती गांव में हजारों बीघा फसल जलमग्न हो जाती हैं। सबसे ज्यादा नुकसान, धान, ज्वार, बाजरा आदि फसलों को होता है। इससे किसानों के सामने पशुओं के चारे का संकट भी पैदा हो जाता है। हालांकि अभी बाढ़ को लेकर प्रशासन की ओर से कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है, लेकिन इसके बावजूद भी लोग दहशत में हैं। किसान को अपनी फसल बर्बाद होने की चिंता सता रही है।

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