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स्मृति शेष : फौजी सीमा की सुरक्षा करता है, पत्रकार लोकतंत्र की – बिपिन रावत

स्मृति शेष : कर्पूरचंद्र कुलिश अंतरराष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार समारोह 2018 में बतौर मुख्य अतिथि जनरल बिपिन रावत ने कहा था...

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नई दिल्ली में 17 सितंबर 2018 को हुए 'पत्रिका समूह' के 'अंतरराष्ट्रीय कर्पूरचंद्र कुलिश' पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत थे। आज वे हमारे बीच नहीं हैं। उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए समारोह में उनके द्वारा व्यक्त किए गए उद्गारों का हम पुन: स्मरण कर रहे हैं:

लोकतंत्र में स्वतंत्र पत्रकारिता पर...
लोकतंत्र की रक्षा में पत्रकारों की भूमिका बेहद अहम है। पत्रकार ब्रेकिंग न्यूज देते समय देश और समाज हित का ध्यान जरूर रखें। खबर देने से पहले एक बार दिल पर हाथ रखकर अन्तर्मन से विचार जरूर कर लें कि वे जो दिखाने और लिखने जा रहे हैं, वह देश और समाज के लिए हितकारी है। स्वतंत्र पत्रकारिता लोकतंत्र के लिए बहुत जरूरी है, इसलिए पत्रकारिता के नैतिक मूल्यों का ध्यान जरूर रखें। मुझे भरोसा है कि पुरस्कार विजेता सच्चाई को जनता के समक्ष उजागर करते रहेंगे।

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फौजियों व पत्रकारों की भूमिका पर...
एक फौजी वर्दी में सीमा पर देश की सुरक्षा करता है और पत्रकार देश के भीतर रहकर लोकतंत्र की रक्षा करता है। लोकतंत्र प्रेस को स्वतंत्र रिपोर्टिंग की सुविधा देता है। हमें गर्व है कि हम लोकतांत्रिक देश हैं और मीडिया पारदर्शिता के साथ काम करता रहे, इसके प्रति जागरूक भी हैं। पत्रिका समूह हिंदी की सेवा करने के साथ ही भारत की महानता की जानकारी भी देश-दुनिया को दे रहा है। मुझे इस बात पर गर्व है कि भारत लोकतांत्रिक देश है और हम पारदर्शी पत्रकारिता के प्रति जागरूक हैं।