scriptप्रसंगवश : पढ़ाई और स्वास्थ्य, वक्त दोनों पहलुओं पर ध्यान देने का | prasangvash : time to pay attention to Study and health aspects | Patrika News
ओपिनियन

प्रसंगवश : पढ़ाई और स्वास्थ्य, वक्त दोनों पहलुओं पर ध्यान देने का

शिक्षण संस्थानों में डेंगू की रोकथाम के लिए एंटी-लार्वा गतिविधियों को लेकर भी गंभीरता नजर नहीं आ रही। कोरोना के मरीज सामने आने बंद होने के साथ ही महामारी के प्रति लापरवाही दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बच्चों को स्कूल भेज रहे अभिभावक चिंतित हैं, क्योंकि देश-दुनिया में कोरोना फिर सिर उठाने लगा है।

नई दिल्लीNov 24, 2021 / 10:12 am

Patrika Desk

Study and health

Study and health

प्रदेश में प्रवेशिका से 12वीं तक के स्कूल पूरी तरह खोल दिए गए हैं। दूसरी तरफ कोरोना वैक्सीनेशन के प्रति लोगों के उत्साह में कमी आना चिंता का विषय बना हुआ है। जितना उत्साह कोरोना की पहली डोज लगवाने के प्रति प्रदेश में दिखा, दूसरी डोज के प्रति उसकी तुलना में भारी गिरावट आई है। पहली डोज लगवा चुके करीब पच्चीस लाख से अधिक लोगों ने दूसरी डोज नहीं लगवाई। बूस्टर डोज को लेकर भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।

कोरोना के मरीज सामने आने बंद होने के साथ ही महामारी के प्रति लापरवाही दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बच्चों को स्कूल भेज रहे अभिभावक चिंतित हैं, क्योंकि देश-दुनिया में कोरोना फिर सिर उठाने लगा है। शादी-विवाह से लेकर बाजारों में भीड़ और आयोजनों से सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क जैसी सतर्कता नदारद है। जयपुर के एक स्कूल में 11 कोरोना पॉजिटिव बच्चों के सामने आने की घटना ने इस विषय पर नए सिरे से रणनीति तय किए जाने की आवश्यकता जता दी है। शिक्षा अपनी जगह जरूरी है, परन्तु स्वास्थ्य की भी अनदेखी नहीं की जा सकती। सरकार की ओर से जन स्वास्थ्य के लिए जारी गाइडलाइन को गंभीरता से लेने की जरूरत है।

दूसरी ओर, स्कूल खुलने के साथ ऑनलाइन पढ़ाई तेजी से सिमटती जा रही है, जबकि आने वाले कुछ हफ्तों में भी शत-प्रतिशत उपस्थिति की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। खासकर प्ले ग्रुप से लेकर पांचवीं कक्षा तक के बच्चों को अभिभावक अब भी स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। उनकी चिंता की वजह अब कोरोना के साथ-साथ डेंगू भी है। कोरोना की चुनौती कम हुई तो डेंगू ने लोगों को चपेट में लेना शुरू कर दिया। पिछले दिनों सरकार ने डेंगू से बचाव के लिए खासकर स्कूली बच्चों के लिए गाइडलाइन जारी की। डेंगू फैलाने वाला मच्छर सुबह के समय ज्यादा काटता है। ऐसे में शिक्षण संस्थानों में डेंगू की रोकथाम के लिए एंटी-लार्वा गतिविधियों को लेकर भी गंभीरता नजर नहीं आ रही। सरकार को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए। स्कूल भवनों की छतों की साफ-सफाई और पानी की टंकियों में मच्छर लार्वा नहीं दें तो कुछ हद तक नियंत्रण संभव है। लेकिन इस ओर ध्यान देने में सरकारी और निजी स्कूलों की गंभीरता का अंतर अपने आप में बड़ा प्रश्न है। यह वक्त विद्यार्थियों के कक्षा शिक्षण के साथ उनके स्वास्थ्य की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने का है। (ह.सिं.ब.)

Home / Prime / Opinion / प्रसंगवश : पढ़ाई और स्वास्थ्य, वक्त दोनों पहलुओं पर ध्यान देने का

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो